23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मिसाल: यहां हिंदू-मुस्लिम मिलकर करा रहे हैं मंदिर का निर्माण

बांकेबाजार : यूं तो मंदिर मस्जिद को लेकर हिंदू व मुसलिम में कहीं न कहीं लड़ाई झगड़े व हिंसक घटनाएं होती रहती हैं. परंतु इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने मिल कर आपसी सौहार्द के साथ मंदिर व मस्जिद का निर्माण भी […]

बांकेबाजार : यूं तो मंदिर मस्जिद को लेकर हिंदू व मुसलिम में कहीं न कहीं लड़ाई झगड़े व हिंसक घटनाएं होती रहती हैं. परंतु इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने मिल कर आपसी सौहार्द के साथ मंदिर व मस्जिद का निर्माण भी कराया है. और दोनों धर्म के लोगों ने एक दूसरे के धर्म में आस्था व विश्वास भी रखते हैं.
इसी कड़ी में एक उदाहरण गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड अंतर्गत खपरौंध गांव का है जहां पर दोनों समुदाय के लोग मिल कर एक मंदिर का निर्माण करा कर आपसी सौहार्द व भाइचारे का संदेश दे रहे हैं. खपरौंध गांव के ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सन 1998 में सड़क निर्माण हेतु मिट्टी की खुदाई के दौरान नक्कासी युक्त पायानुमा पत्थर मजदूरों को मिला था.
मजदूर आपस में उस पत्थर को अपने घर ले जाने के लिए आपस में झगड़ा करने लगे. मजदूरों को शोर शराबा सुनने के बाद गांव के कुछ ग्रामीण उस स्थान पर इकट्ठा हो गये तभी लोगो ने निर्णय लिया कि इतना शिल्पकारी पत्थर यहां पर होने का मतलब हो सकता है कि इस स्थान पर और भी पत्थर हों इसी बात की आशंका व्यक्त करते हुए मिट्टी की और खुदाई की गयी.
इसके बाद खुदाई के दौरान गणेश भगवान व मां काली की प्रतिमा दिखाई दी. प्रतिमा निकलने की खबर आग की तरह आस पास के गांवों में फैल गयी. और श्रद्धालुओं ने उस प्रतिमा को पूजा–अर्चना व भजन कीर्तन प्रारंभ कर दिया गया. फिर 2003 में प्राथमिक विद्यालय जूरी कि शिक्षिका सावित्री देवी ने उस स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया. परंतु उसमें कुछ काम और भी बाकी रह गया था.
परंतु पैसे के अभाव में काम पूरा नहीं हो पा रहा था. पिछले सप्ताह खपरौंध गांव के हिंदू- मुसलिम दोनों समुदाय के लोग मंदिर की सौंदर्यीकरण को लेकर एक बैठक की जिसमें डोमन यादव की अध्यक्षता में की गयी. बैठक के बाद दोनों समुदाय के लोगों ने निर्णय लिया कि मंदिर की सौंदर्यीकरण एवं बरामदा निर्माण में जो भी खर्च होगा हम सभी मिल कर पूरा करेंगे. उसी समय लगभग 66 हजार रूप्ये नगद सहित अन्य सामाग्री इकठ्ठा किया गया. मंदिर के सौंदर्यीकरण लिए अजमत खां, लडन खां बेहजाद खां, मति खां आसिफ अली, भरत कुमार, दारा चौधरी सहित अन्य लोग सहयोग दिये हैं.
क्या कहते हैं गांववाले
इस मंदिर का सौंदर्यीकरण बहुत जरूरी था, परंतु पैसे के अभाव में नहीं हो पा रहा था. कार्य प्रारंभ होने से काफी खुशी हुई.
गणेश रिक्यासन, खपरौंध
इस मंदिर में दोनों समुदाय के लोगों का आस्था जूड़ा है. सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से मनोकामना जरूर पूरी होती है.
3 अशरफ अली, डुमरावां: इस गांव में मंदिर का निर्माण होने से हमलोग काफी खुश हैं इसके सौंदर्यीकरण के लिए और भी काम करना चाहिए.
रामकृत चौधरी, खपरौध
समाज में आये दिन हिंदू मुस्लिम का विरोध की चर्चाए होती रहती है लेकिन हमलोग उससे उपर उठकर भेद भाव को खत्म करते हुए मंदिर का सम्मान करते है.
आसिफ अली, डुमरावां
प्रखंड का एक इतिहास रहा है कि एक तरफ पहाड़ी पर अवस्थित सूर्य एवं शिव मंदिर और दूसरे तरफ डुमरावां में बाबा मुराद साह का मजार यहां दोनों समुदाय के लोग एकता का परिचय देते आये है.
अयुब अली, जिला पर्षद सदस्य

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें