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20 हजार और कर्ज लेकर पत्नी ने पति का किया क्रिया-कर्म

अब परिवार दाने दाने को है मुहताज अधिकारियों ने मुंह मोड़ा गया : किसी की जान की कीमत महज 13 हजार रुपये लगायी गयी है. घर में कमाने वाला चला गया और पूरा परिवार भूखों मरने की स्थिति में पहुंच गया है. मजदूर की मौत दूसरे की गलती से हुई. लेकिन, अब तक किसी की […]

अब परिवार दाने दाने को है मुहताज अधिकारियों ने मुंह मोड़ा

गया : किसी की जान की कीमत महज 13 हजार रुपये लगायी गयी है. घर में कमाने वाला चला गया और पूरा परिवार भूखों मरने की स्थिति में पहुंच गया है. मजदूर की मौत दूसरे की गलती से हुई. लेकिन, अब तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गयी है. गौरतलब है कि 16 जुलाई को बेलदारी टोला में करेंट की चपेट में आने से मजदूर राजकुमार पासवान की मौत हो गयी थी. मौत के बाद सभी ने मृतक के परिजन को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.
लेकिन, अब कोई परिजन से किसी तरह की बात भी करने को तैयार नहीं हैं. राजकुमार पासवान अपनी पत्नी, दो बेटियों व एक बेटा के साथ शाहमीरतक्या पहाड़ी पर रहता था. वह प्रतिदिन मजदूरी कर कुछ पैसे कमाता था, जिससे परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. राजकुमार की मौत के बाद अब पत्नी व बच्चों को देखने वाला कोई नहीं है. परिजनों ने बताया कि राजकुमार की मौत मकान मालिक की लापरवाही के कारण हुई थी, क्योंकि बिजली का खुला तार होने की जानकारी के बाद भी बिजली की सप्लाई बंद नहीं की गयी.
16 जुलाई से पहले सबकुछ था ठीकठाक मृतक की पत्नी बेबी देवी कहती हैं कि 16 जुलाई को हर दिन की तरह उसके पति काम करने गये थे. घर में सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. बच्चे और वह पति के आने का इंतजार कर रही थी कि शाम साढ़े चार बजे खबर मिली कि उनके पति को करेंट लग गया है. रोते-बिलखते बेलदारी टोला पहुंची, तो देखा कि उसके पति का प्राण पखेरु उड़ गये हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद कई नेता पहुंच गये और मौत की कीमत तय होने लगी. हर कोई अपने हिसाब से मौत की कीमत लगा रहा था. पुलिस पहुंची, पोस्टमार्टम हुआ, उसके बाद मुआवजे के तौर पर महज 10 हजार रुपये दिये गये. इसके अलावा तीन हजार रुपये वार्ड पार्षद ने कबीर अंत्योष्टि योजना के तहत दियेेेे, जबकि मौत के बाद कहा गया था कि जिसकी गलती से मौत हुई है, उनकी जिम्मेदारी तय कर मुआवजा दिलाया जायेगा.
हाथ बढ़ाया है न्याय भी दिलायेंगे
सत्यवती गुप्ता कहती हैं कि बेबी देवी को न्याय मिलना चाहिए. इसके लिए जो भी संघर्ष करना होगा करेंगे. उन्होंने बताया कि निर्भया शक्ति ऐसी ही महिलाओं के लिए काम करती, जो न्याय के लिए ठोकर खा रही हों. सच भी है कि गरीब-अमीर सभी को न्याय के लिए गुहार लगाने का हक है. बेबी देवी के मामले में एसएसपी से मिल कर सारी बात बतायी जायेगी. इसके बाद भी बात नहीं बनी, तो चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. हर हाल में बेबी देवी को न्याय दिलाया जायेगा.
परिवार के सामने भूखे मरने की स्थिति
बेबी देवी कहती हैं कि किसी तरह दूसरे के घर में झााड़ू-पोंछा करके परिवार की गाड़ी खींच रही है. पति के क्रिया कर्म में 20 हजार रुपये कर्ज लेने पड़े हैं. उसे चुकाना मुश्किल हो रहा है. कई बार केस को लेकर थाने गयी लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिलता है. कुछ दिनों से पांच वर्षीय बेटा चंदन बीमार चल रहा है. इसके कारण वह काम पर अपनी बेटी को भेज रही है. पति जब तक थे, सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. वत्सला निर्भया शक्ति से जुड़ी मुहल्ले की सत्यवती कुमारी गुप्ता ने आर्थिक मदद की है. संस्था की संरक्षक रेशमा प्रसाद ने आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया है. बेबी देवी ने कहा कि आखिर कब तक हमलोग दूसरे की सहायता से जीते रहेंगे. उसके पति की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चहिए. इसके साथ ही निर्धारित मुआवजा दिया जाये.
शेरघाटी चेयरमैन के बेटे ने दी थानाध्यक्ष को सूचना, उसी पर कर दी एफआइआर
पुलिस के वरीय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग
विनय प्रसाद ने बताया कि उक्त मामले को लेकर उन्होंने मुख्य सचिव, डीजीपी, डीआइजी, एसएसपी व शेरघाटी डीएसपी को आवेदन दिया है और इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है, ताकि निर्दोष को आरोप मुक्त किया जा सके. श्री प्रसाद ने बताया है कि छह सितंबर को राम मंदिर के निकट सूर्य मंदिर के चबूतरा के पास मांस का बड़ा टुकड़ा पड़ा था और उससे दुर्गंध आ रहा था. चूंकि मेरी मां लीलावती देवी उसी वार्ड की सदस्य हैं. इस बाबत उन्होंने इस घटना की जानकारी शेरघाटी थाने को दी. थानाध्यक्ष की देखरेख में मांस के टुकड़े को नदी में गाड़ दिया गया. इसके बाद लोगों ने थानाध्यक्ष से मांग की कि इस मामले में दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाये. वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया.
लेकिन, आठ सितंबर को जानकारी मिली कि शेरघाटी थानाध्यक्ष ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने सहित अन्य संगीन मामलों में आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर दी है. उन्होंने बताया कि चूंकि उनकी मां नगर पंचायत की चेयरमैन हैं और उनका प्रतिनिधि होने के नाते असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार टारगेट किया जा रहा है. कुछ सफेदपोश लोगों के कहने पर शेरघाटी थानाध्यक्ष ने उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दी है. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाये और इस घटना की निष्पक्ष जांच हो तो सारी सच्चाई सामने आ जायेगी.

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