गया : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डाेभाल रविवार की सुबह करीब छह बजे अपनी पत्नी व परिजन के साथ विष्णुपद मंदिर पहुंचे, जहां अपने पितराें की मुक्ति के लिए पिंडदान किया. सिजुआर इस्टेट के पंडाजी राजेंद्र सिजुआर उर्फ राजन सिजुआर की देखरेख में ब्राह्मण रामानुज पांडेय ने पिंडदान कर्मकांड संपन्न कराया. फल्गु में पिंड विसर्जन व तर्पण के बाद फिर उन्होंने विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में विष्णु चरण का स्पर्श कर पूजा-अर्चना की.
इसके बाद मंदिर प्रांगण में ही मिनी अक्षयवट काे साक्षी मान कर पिंडदान के कर्मकांड की पूर्णाहुति की. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में श्राद्ध केेे विधान का बड़ा महत्व है. पितराें की मुक्ति के लिए इसे जरूरी माना गया है, ऐसा सुना, पढ़ा है. बड़ी श्रद्धा थी कि गयाजी जाकर अपने पितराें का श्राद्धकार्य संपन्न करूं. बड़ा सुकून व असीम शांति मिली. पंडाजी से यहां की सुरक्षा सहित मंदिर की पाैराणिकता के बारे में जाना. मंदिर प्रबंधन समिति की आेर से उन्हें विष्णुचरण भेंट किया गया.
यहां के बाद वह बोधगया स्थित महाबाेधि मंदिर गये आैर वहां भगवान बुद्ध के चरणाें में नमन किया. इसके बाद बोधिवृक्ष के नीचे वज्रासन के पास ध्यान लगाया. बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे ने उन्हें महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति भेंट की. वहीं, मंदिर के मुख्य भिक्षु चालिंदा व भिक्षु दीनानंद ने उन्हें खादा, स्मृति चिह्न व पुस्तक भेंट की. उन्होंने महाबोधि मंदिर के बाद वह रॉयल थाई मंदिर गये व अस्सी फुट बुद्ध मूर्ति का भी अवलोकन किया. बोधगया से वह ओटीए गये व इसके बाद एयर इंडिया के विमान से दिल्ली रवाना हाे गये