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साहित्यकार डॉ परिमलेंदु को बेघर करने के लिए दी जा रही धमकी
गया : बिहार सरकार ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्यकार डॉ राम निरंजन परिमलेंदु को डॉ राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान से सम्मानित किया. लेकिन इन दिनों डॉ राम निरंजन परिमलेंदु व उनकी पत्नी डॉ रेणु वर्मा काफी मानसिक तनाव व दहशत में जी रही हैं. भू-माफियाओं का ऐसा चक्र चला कि […]
गया : बिहार सरकार ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्यकार डॉ राम निरंजन परिमलेंदु को डॉ राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान से सम्मानित किया. लेकिन इन दिनों डॉ राम निरंजन परिमलेंदु व उनकी पत्नी डॉ रेणु वर्मा काफी मानसिक तनाव व दहशत में जी रही हैं. भू-माफियाओं का ऐसा चक्र चला कि इन्हें बेघर करने के लिए हर दिन धमकी दी जा रही है. डॉ परिमलेंदु ने बताया कि शहर के दक्षिण दरवाजा में इनकी मां के नाम से एक मकान है.
इसमें उनके अलावा उनके एक भाई व एक बहन का हिस्सा है. पर दूसरे भाई ने गलत कर पूरा मकान संदीप कुमार नामक व्यक्ति से बेच दिया. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना मिलने पर न्यायालय की शरण में गये. जमीन पर नौ नवंबर 2017 को ही कोर्ट ने इंजक्शन (जमीन पर यथास्थिति बनाये रखने) लगा रखा है.
इसके बाद भी राकेश कुमार, मुकेश कुमार जायसवाल, कपिल कुमार व मुकेश कुमार, साहित्यकार पर घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि चारों को कई बार बता चुके हैं कि गलत तरीके से मकान की खरीदारी की गयी है. परंतु, खरीदार उनकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. शनिवार को दिन में चारों घर में पहुंच गये और साहित्यकार से कहा कि वह 30 लाख रुपये दे दें, उसके बाद ही घर में रह सकते हैं.
जबर्दस्ती उनसे एक लाख रुपये का चेक भी कटवा लिया. चेक लेने के बाद भी धमकी देकर गये हैं कि कल से मकान बनवाने के लिए काम लगायेंगे, जिसके पास जाना है जाएं. उन्होंने कहा कि दो जुलाई को ही एसएसपी को भी इस संबंध में पत्र व मकान के बारे में कोर्ट का आदेश दिया है. उनके व उनकी पत्नी को जान का खतरा बना हुआ है. जमीन के लिए भू-माफिया किसी भी हद तक जाने की बात कह कर गये हैं.
क्या कहते हैं एसएसपी
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि साहित्यकार के मामले में सूचना मिलते ही विष्णुपद थानाध्यक्ष को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया. वहां पहुंच कर पुलिस जांच पड़ताल की है. साहित्यकार का भाई के साथ मकान के जमीन का विवाद चल रहा है. इस मामले में कोर्ट द्वारा इंजक्शन लगाने की बात सामने आयी है.
उन्होंने कहा कि थानेदार द्वारा दूसरे पक्ष को थाने में बुलाकर कोर्ट के आदेश तक किसी तरह की पहल नहीं करने की हिदायत दी गयी है. एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मकान के खरीदार द्वारा साहित्यकार से एक लाख रुपये का बैंक चेक जबर्दस्ती लेने की जानकारी नहीं थी. इस तरह की बात है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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