Bihar News बिहार में कुत्ते पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं और लगातार लोगों पर हमला कर रहे हैं.दिल्ली में आवारा कुत्तों पर चल रही चर्चा के बीच बिहार में भी डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में कुत्तों के काटने की घटनाएं 22% बढ़ी हैं. बीते चार सालों में यह आंकड़ा दोगुना हो चुका है. इस साल औसतन हर महीने करीब 27 हजार लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए हैं, जबकि 2024 में यह संख्या प्रति माह लगभग 22 हजार थी.
अगस्त तक इतने लोग हो चुके है शिकार
इस साल 21 अगस्त तक 2 लाख 14 हजार से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं. 2020 में यह संख्या 1.25 लाख थी, 2021 में 62 हजार, 2022 में 1.42 लाख, 2023 में 2.42 लाख और 2024 में बढ़कर 2.64 लाख तक पहुंच गई.राज्य स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट बताती है कि कुत्ते अब खतरनाक होकर लोगों पर हमला कर रहे हैं.
इन शहरों में सबसे ज्यादा खतरा
इस साल डॉग बाइट के सबसे ज्यादा मामले पटना में सामने आए, जहां अब तक 20,407 लोग कुत्तों के शिकार हुए हैं. इसके बाद गोपालगंज में 18,836 और पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में 18,035 लोग प्रभावित हुए. नालंदा में 15,222, पश्चिम चंपारण में 12,672, जहानाबाद में 9,738, पूर्णिया में 8,889, मुजफ्फरपुर में 8,725, गया में 7,249 और भोजपुर में 7,173 लोगों को कुत्ते ने काटा.वहीं, सबसे कम मामले औरंगाबाद में (358), अरवल में (776) और खगड़िया में (921) दर्ज किए गए.बाकी जिलों में जनवरी से अगस्त तक एक हजार से लेकर छह हजार तक लोग डॉग बाइट के शिकार बने.
तुरंत लें एंटी रैबिज वैक्सीन
राज्य महामारी विज्ञानी डॉ. राधिका मिश्रा के अनुसार, कुत्ते के काटने के तुरंत बाद एंटी रैबिज वैक्सीन लेना जरूरी है. अगर काटने से गहरा घाव हो जाए और खून बहने लगे या मांस बाहर दिखने लगे, तो वैक्सीन के साथ एंटी रैबिज सिरम भी लेना चाहिए.एंटी रैबिज सिरम जिला अस्पतालों में उपलब्ध रहता है और जरूरत पड़ने पर प्रखंड स्तर पर भी भेजा जाता है. इसे खास तापमान पर रखा जाता है. बाजार में इसकी कीमत प्रति डोज करीब 350 रुपये है.
Also Read: Patna Smart City: पटना के इस जगह को मिलेगी नई शक्ल,स्मारक और एंट्री गेट से बदल जाएगी पूरी पहचान

