Darbhanga News: दरभंगा. चीन 60 गीगावाट विद्युत उत्पादन के लिए जिस नदी पर विश्व का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है, उसे भारत में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है. चीन आने वाले भविष्य में इस डैम का इस्तेमाल हाइड्रो पावर बम के रूप में कर सकता है. बंगलादेश पर भी इसका असर पड़ेगा. बांध के निचले हिस्से में भारत और चीन की सीमा लगती है. चीन इसको हथियार की तरह यूज करेगा. यह बातें पीजी भूगोल विभाग एवं डॉ प्रभात दास फॉउंडेशन के सयुंक्त तत्वावधान में “हिमालय क्षेत्र में भारत- चीन के जल विद्युत परियोजना: मुद्दे एवं चुनौतियां ” विषयक संगोष्ठी में डॉ गंगेश कुमार झा ने कही. डॉ झा ने कहा कि पानी के बंटवारे को लेकर कई देशों के बीच संघर्ष होता रहा है. चीन को बातचीत के लिए राजी कर पाना मुश्किल है. उन्होंने इथोपिया एवं तुर्की, ईरान एवं इराक का उदाहरण दिया.
चीन ने असमय पानी छोड़ा तो असम में आयेगी भीषण बाढ़- डॉ अनुरंजन
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ अनुरंजन ने कहा कि 2030 तक चीन में कार्बन उत्सर्जन अपने चरम पर होगा. इसको ध्यान में रखते हुए चीन 2060 तक कार्बन न्यूट्रिलिटी हासिल करना चाहता है. अगर इसके दूसरे आस्पेक्ट को देखते हैं, तो यदि चीन पानी को असमय भारत की ओर छोड़ता है तो असम में भीषण बाढ़ आ जाएगी. इससे जानमाल और चाय की खेती समाप्त हो जाएगी.समाप्त हो सकता है सुंदरवन डेल्टा- डॉ सिंह
डॉ सुनील सिंह ने कहा कि हिमालय सेडीमेंट्री रॉक से बना है. इस सुपर डैम से इकोलॉजिकल डिजास्टर उत्पन्न हो जाएगी. इससे सुंदर बन डेल्टा समाप्त हो सकता है. इससे फायदा सिर्फ चीन को और नुकसान भारत को होगा.थर्मल विद्युत से होने वाले नुकसान को समझ चुका है चीन- डॉ मनुराज
डॉ मनुराज शर्मा ने कहा कि चीन थर्मल विद्युत से होने वाले नुकसान को समझ चुका है. इसलिये वह सुपर डैम के जरिये विद्युत चाहता है और स्वच्छ हवा भी. ट्रम्प ने सत्ता सम्भालते ही अमेरिका को पेरिस जलवायु परिवर्तन संधि से बाहर कर लिया है. ऐसी स्थिति में चीन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है.
दुनिया में सबसे ज्यादा बांध चीन ने बनाया है- मुकेश
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए फाउंडेशन के मुकेश कुमार झा ने कहा कि चीन एक तीर से तीन शिकार करना चाहता है. 50 के दशक में तिब्बत पर कब्जा कर चुका चीन 127 अरब डॉलर खर्च कर ब्रह्मपुत्र पर तिब्बत के समीप सुपर डैम बनाकर अब तिब्बतियन के एक्झिस्टेन्स को ही समाप्त कर देना चाहता है. कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा बांध चीन ने बनाया है. इससे पहले भी चीन अपने औद्योगिक क्षेत्र में यांगसी नदी पर थ्री गोर्जेस डैम बना चुका है, जिससे लगभग 10 लाख लोग विस्थापित हुए थे. अतिथियों का स्वागत पुष्प के पौधे से डॉ रश्मि शिखा ने किया. संगोष्ठी में सोनु कुमार, अनिल कुमार सिंह, आदित्य कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है