Darbhanga New: सदर. बागमती नदी में इस बार पानी अधिक रहने से श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है, बावजूद आस्था में तनिक भी कमी नहीं आयी. छठ महापर्व के साथ ही बागमती नदी किनारे बसे गांवों में व्रतियों ने पूरी श्रद्धा के साथ कृत्रिम घाट तैयार करने का बीड़ा उठा लिया. इस कार्य में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं एकजुट होकर भागीदारी निभा रहे हैं. गांव-गांव में भक्ति और उल्लास का माहौल बना हुआ है. नदी का जल उफान पर रहने से श्रद्धालु गांव की खाली जमीनों, खेतों व खुले स्थानों पर मिट्टी का समतलीकरण कर, उसपर प्लास्टिक सीट बिछा व सजावटी लाइटों से कृत्रिम घाटों को सजा रहे हैं. जगह-जगह रंगीन झंडियां केले के पेड़ और बांस की सजावट से वातावरण पूरी तरह छठमय हो उठा है. शीशो पूर्वी में पूर्व मुखिया सुरेश दास के घर के पीछे पूरब दिशा में करीब 10 से 12 कट्ठा जमीन पर सामूहिक रूप से कृत्रिम घाट बनाया जा रहा है. गांव की महिलाएं घाट की सफाई और सजावट में जुटी हैं. वहीं पुरुष वर्ग बिजली की व्यवस्था और सुरक्षा घेरे तैयार कर रहे हैं. सुरेश दास बताते हैं कि बागमती में इस बार पानी अधिक है. इसे लेकर गांव के लोग अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देकर कृत्रिम घाट का निर्माण करा रहे हैं. इसके अलावा करकौली, भन्नी, हरपुर समेत दर्जनों गांवों में लोग अपने स्तर या सामूहिक रूप से घाटों की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि करकौली में मुख्य सड़क से पश्चिम बसे टोल नदी किनारे फ्लड कंट्रोल विभाग से बनी सुरक्षा सीढ़ी के उपरी स्टेप पर भगवान भास्कर को अर्घ अर्पित करेंगे. यहां करीब छह सौ फीट लम्बाई में सीढ़ी का निर्माण कराया गया है. कुछ परिवार आपस में मिलकर छोटे-छोटे तालाबों को छठ घाट में बदल रहे हैं.
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