Darbhanga News: दरभंगा. दरभंगा से जयनगर तक रेल खंड के दोहरीकरण की कवायद शुरू हो गयी है. हालांकि अभी धरातल पर इसके उतरने में कितना वक्त लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस दिशा में रेल मंत्रालय ने पहला कदम उठाया है. इसके तहत इस रेल खंड के डबलिंग के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे किया जायेगा. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में राशि का भी प्रावधान कर दिया गया है. इससे भविष्य में इस खंड के दोहरीकरण की दिशा में विभागीय संजीदगी का संकेत मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि जयनगर देश का सीमावर्त्ती क्षेत्र है. यह पड़ोसी देश नेपाल की सीमा पर अवस्थित है, लिहाजा इसकी अहमियत यात्री सुविधा से कहीं ज्यादा है. रेलवे भी इसे खास तवज्जो दे रहा है. कहा जाता है कि यही वजह है कि रेलवे ने दरभंगा से चलनेवाली कई ट्रेनों का विस्तार जयनगर तक कर दिया. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जो गाड़ियां दरभंगा से पहले ही ओवर क्राउडेड चला करती थी, उन ट्रेनों को भी जयनगर भेज दिया गया. हालांकि कुछ ट्रेनों के विस्तार के पीछे तकनीकी हवाला दिया गया, परंतु यह भी सच है कि उन तकनीकी समस्या को दूर कर उन गाड़ियों को दरभंगा से ही चलाने का परिणामदायी प्रयास भी नहीं किया गया.
दो चरणों में होगा सर्वे
69 किलोमीटर लंबे इस रेल खंड का फाइनल लोकेशन सर्वे दो भागों में बांटकर किया जायेगा. रेल मंत्रालय की ओर से लिए गये निर्णय के अनुसार दरभंगा से सकरी 21 किलोमीटर तथा सकरी से जयनगर तक 48 किलोमीटर रेलखंड का सर्वे होगा. इसमें दरभंगा-सकरी के लिए 0.42 करोड़ तथा सकरी-जयनगर के लिए 0.96 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.सात साल पहले हुआ था आमान परिवर्त्तन
दरभंगा-जयनगर रेल खंड का आमान परिवर्त्तन सात साल पहले संपन्न हुआ था. साल 2018 में मीटर गेज से इस खंड को ब्रॉड गेज में बदला गया था. इसके बाद तीव्र गति से इस खंड के विद्युतीकरण का भी काम पूरा कर दिया गया. आज बिजली इंजन से ही इस खंड पर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है. लंबी दूरी की कई गाड़ियां चल रही हैं. ऐसे में इसके दोहरीकरण की जरूरत भी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है