कमतौल. पश्चिमी विक्षोभ के कारण बुधवार को एक बार फिर मौसम का रुख बदल गया. आसमान में छाए बादलों ने मौसम को मनभावन कर दिया. दोपहर को सूर्यदेव की किरणों को अपने आगोश में लेकर हल्की फुहार को जमीन तक आने दिया. इस तरह का मौसम देख लोगों का मन प्रफुल्लित हो उठा. वैसे तो सूर्योदय के समय से ही आसमान में काले बादल उमड़ रहे थे. इससे सूर्य की तीखी किरणें सीधे धरा तक नहीं पहुंच पा रही थी. हल्की हवा चलने से मौसम खुशगवार था. दोपहर साढ़े बारह बजे बादलों ने बारिश कर मौसम को और भी खुशनुमा बना दिया. बारिश ने वातावरण को पूरी तरह बदल दिया. हवा में नमी रहने से लोगों को गर्मी से राहत मिली. शाम को मंद-मंद हवा में लोग घरों से टहलने के लिए निकले. लोग कह रहे थे कि वैशाख के महीने में भीषण गर्मी व उमस के कारण लोग बेहाल रहते हैं, उस समय मौसम मनभावन सावन सा अहसास करा रहा है. दो दिनों से हो रही बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. वैसे तो इस बारिश ने हर किसी को फायदा पहुंचाया है, परंतु आम, लीची, हरी सब्जी सहित गरमा फसल उत्पादकों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है. साथ ही खरीफ फसल के लिए खेतों की जुताई में नमी भी मिल गया है. ऐसे में किसानों को खेत तैयार करने में काफी सहूलियत होगी. अहियारी गोट के किसान अरुण राय, सकलदेव राय, मिर्जापुर के महेंद्र यादव, भोगेन्द्र यादव, चनुआटोल के पवन पंडित, अहियारी के मोहन महतो, गिरबल महतो आदि ने बताया कि कई साल बाद देखने को मिला है कि धान का बिचड़ा गिराने से पहले मई माह में इस तरह की बारिश हुई है. मंगलवार व बुधवार को होने वाली बारिश से आम, लीची के साथ मूंग व तिल की फसल को अधिक फायदा हुआ है. झुलस गये पशुचारे की फसल में जान आ गयी है. सब्जी उत्पादक किसानों के लिए यह बारिश अमृत समान साबित हुई है.
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