Darbhanga News: दरभंगा. प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित मध्यान भोजन योजना में फर्जी उपस्थिति रोकने एवं भोजन की गुणवत्ता के लिए विभाग में शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग के नए निर्णय के अनुसार मध्यान भोजन परोसने के उपरांत प्रतिदिन प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा. इस प्रतिवेदन प्रमाण पत्र पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक के साथ-साथ सभी उपस्थित शिक्षकों का हस्ताक्षर अंकित किया जाएगा. यह प्रपत्र तय तिथि के मध्याह्न भोजन की सामग्रियों से संबंधित विपत्र के साथ संलग्न सुरक्षित रखा जाएगा. वही स्वयंसेवी संस्थाओं के संदर्भ में संबंधित विद्यालय से पूरे माह का संदर्भित प्रमाण पत्र प्राप्त कर मध्याह्न भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा. इस आधार पर संघ सभी संस्था को मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित विपत्र का भुगतान किया जा सकेगा. इस आशय का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने जारी किया है. उन्होंने सख्त लहजे में हिदायत दी है कि प्रमाण पत्र के बिना मध्याह्न भोजन योजना का कोई भी पत्र मान्य नहीं होगा. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि कटी पर स्रोतों से ज्ञात हुआ है कि बिना प्रमाण पत्र के ही स्वयं सेवी संस्थाओं को विपत्र का भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने इसे वित्तीय अनियमितता बताया है तथा इस मामले में वरीय पदाधिकारी के आदेश के अवहेलना किए जाने पर एमडीएम डीपीओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है. बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने फरवरी 2025 में आदेश जारी कर मध्याह्न भोजन संचालन से संबंधित एक प्रपत्र जारी किया था. इस प्रपत्र के अनुसार मध्याह्न भोजन में शामिल होने वाले बच्चों की भौतिक उपस्थिति तथा विद्यालय में उपस्थित सभी शिक्षकों से भोजन की गुणवत्ता से संबंधित प्रमाण पत्र प्रतिदिन संधारित करने के आदेश दिए गए थे, किंतु विद्यालयों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को एमडीएम मद का विपत्र भुगतान में शत प्रतिशत लागू नहीं किए जाने पर विभाग ने इसको लेकर एक बार फिर से सख्त आदेश जारी किया है. इसकी अवहेलना होने पर वित्तीय अनियमितता के आरोप में विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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