Darbhanga News: दरभंगा. कलात्मक प्रतिभा से संपन्न कवि जान किट्स की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है. उनकी कविताएं रोमांस भरे जीवन संग, मृत्यु के द्वंद को स्पष्ट करती है. यह बातें लनामिवि के पीजी अंग्रेजी विभाग में डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित “जॉन किट्स की विरासत एवं आधुनिक काल में उनकी प्रासंगिकता ” विषयक सेमिनार में जेपी विश्वविद्यालय छपरा के अंग्रेजी विभाग के प्रो. उदय शंकर ओझा ने बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही. कहा कि छोटे से साहित्यिक जीवन में जान किट्स अपनी अद्भुत रचनाधर्मिता के बल पर सर्वश्रेष्ठ रोमांटिक कवि बन गए. किट्स ने अपनी रचनाओं में दुख का अर्थ, सुंदरता तथा कला के साथ जीवन के अंतिम उद्देश्य को स्पष्ट किया है.
जॉन किट्स की आत्मा भारतीय दर्शन से लैस- प्रो. शर्मा
विशिष्ट अतिथि प्रो. एके शर्मा ने कहा कि जॉन किट्स की आत्मा भारतीय दर्शन से लैस है. किट्स ने अपने साहित्य में सत्यम सुंदरम शिवम की अवधारणा को अभिव्यक्त किया है. उन्होंने भारतीय अध्यात्म की पवित्रता को पाश्चात्य संस्कृति में पिरोया है. अध्यक्षता करते हुए पीजी अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ मंजू राय ने कहा कि जॉन किट्स रोमांटिक धरातल के प्रमुख कवि हैं. उन्होंने जीवन की सुंदरता, मानवीय भावनात्मकता और अनुभव को साहित्यिक स्वर दिया है. यही वजह है कि जॉन किट्स की रचनाएं समकालीन दौर में भी प्रासंगिक बनी हुई है.
मशीनी युग में भी जॉन किट्स की कविता देती सुकून- डॉ पुनीता
डॉ पुनीता झा ने कहा कि आधुनिक मशीनी युग में भी जॉन किट्स की कविता सुकून देती है. उनकी कविता तनाव मुक्त जीवन जीने में सहायक है.
प्रतियोगिता में अव्वल आयी अंशु
दूसरे सत्र में जॉन किट्स की विरासत और उनकी प्रासंगिकता विषय पर पीजी स्टूडेंट ने विचार रखा. बेहतर प्रस्तुति के लिये अंशु कुमारी, गुंजन कुमारी, निधि कुमारी, गौतम आचार्य, अपराजिता कुमारी, शैलजा सरोज, उदय कुमार, शुभानंद, आयुषी कुमारी, पूजा कुमारी एवं खुशबू खानम को पुरस्कृत किया गया. निर्णायक डॉ पुनीता झा, डॉ नवीन सिंह एवं डॉ अखिलेश सिंह थे. अतिथियों का स्वागत फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने किया. मौके पर विमलेश चौधरी, डॉ शाम्भवी, ज्योति कुमारी, त्रिदीप दास आदि मौजूद थे.
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