Darbhanga News: दरभंगा. आठवीं की वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्णता के बाद छात्रों के बीच हाइस्कूल में नामांकन को लेकर एक अलग उत्साह रहता है. सरकार भी इन कक्षाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन वाली कई योजना चला रखी है. खासकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभाग विशेष तत्पर है. किंतु, लड़कियों के नौवीं कक्षा में नामांकन को लेकर गत वर्ष उपजा विवाद फिर ताजा हो गया है. मध्य विद्यालयों से छात्र-छात्राएं टीसी लेकर नौवीं कक्षा में नामांकन का प्रयास कर रहे हैं. किंतु, छात्रों को अपने मनचाहे विद्यालय में नामांकन का मौका नहीं दिया जा रहा है. शहर की छात्राओं की स्थिति और भी खराब देखी जा रही है.
शहर में गिनती के गर्ल्स हाइस्कूल
शहर में गिनती के गर्ल्स हाइस्कूल है. शहर के उत्तर में राजेंद्र बालिका उच्च विद्यालय एवं एमआरएम स्कूल है. किंतु, इन स्कूलों में इस क्षेत्र के सभी मध्य विद्यालय की लड़कियों का नामांकन नहीं हो सकता. इसमें विद्यालयों का सीआरसी से टैगिंग रोड़ा बना हुआ है. एमएआरएम अथवा राजेंद्र बालिका उच्च विद्यालय का कहना है कि सबसे पहले वे संबद्ध विद्यालयों की छात्राओं का नामांकन लेंगे. सीट रहने पर ही दूसरे विद्यालय की छात्राओं का नामांकन हो सकेगा.
नजदीक को छोड़ दूर के स्कूल को किया टैग
डॉ राजेंद्र प्रसाद बालिका उच्च विद्यालय के नजदीक में मध्य विद्यालय बंगलागढ़, मध्य विद्यालय रामचौक, मध्य विद्यालय शमशेरगंज, मध्य विद्यालय राधा रानी कन्या, मध्य विद्यालय मरतौल बाजार, मध्य विद्यालय सरस्वती कन्या आदि विद्यालय है. यहां की छात्राएं वर्षों से इसी विद्यालय में नौवीं कक्षा में नामांकन लेती रही है. उनके अभिभावक भी यहां बच्ची की पढ़ाई कराना सहज महसूस करते हैं. किंतु, सीआरसी टैगिंग में दूर के मध्य विद्यालय रत्नोपट्टी आदि को टैग कर दिया गया है. इन विद्यालयों की छात्राओं के लिए इस विद्यालय में नामांकन लेना सहज नहीं है. एमएआरएम विद्यालय में भी इन विद्यालयों की छात्राओं को नामांकन में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. सीट रहने पर ही इंटरटेन किया जाएगा. इन विद्यालयों में अध्यनरत छात्र भी आसपास के हाइस्कूलों में नामांकन नहीं करा सकते. इस क्षेत्र के छात्र मुकुंदी चौधरी उच्च विद्यालय, राज स्कूल आदि में नामांकन कराया करते थे. किंतु, अब वह जिस विद्यालय से टैग है, उसी विद्यालय में नामांकन हो सकेगा.
मनपसंद स्कूल में नामांकन नहीं करा पा रहे छात्र-छात्राएं
गत वर्ष से नामांकन को लेकर पाबंदियों के कारण छात्र-छात्राओं को मनपसंद स्कूल नहीं मिल पा रहा है. कई अभिभावकों ने वर्तमान व्यवस्था के प्रति असंतोष जताया. कहा कि विशेषकर बच्चियों को वे बालिका स्कूल में नामांकन कराना चाहते हैं. स्थानीय स्तर पर स्कूल नहीं मिलने पर नामांकन को लेकर सोचना होगा.
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