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Darbhanga News: किशोरावस्था में बालिकाओं में होता शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन

Darbhanga News:महिला क्लब दरभंगा की अध्यक्ष सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पुष्पा झा ने कहा कि बालिकाओं में किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण जीवन चरण है.

Darbhanga News: दरभंगा. महिला क्लब दरभंगा की अध्यक्ष सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पुष्पा झा ने कहा कि बालिकाओं में किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण जीवन चरण है. इसमें बालिकाओं में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं. यह वह समय होता है, जब बालिका अपने शरीर में हो रहे परिवर्तन को समझने और स्वीकार करने की कोशिश करती है. इस चरण में बालिकाएं कई समस्याओं का सामना भी करती हैं, जिसका निदान करना आवश्यक है. डॉन बॉस्को स्कूल में बालिकाओं में किशोरावस्था : परिवर्तन और समस्याओं का निदान विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डॉ झा बोल रही थी. कहा कि माता-पिता को बालिकाओं के साथ खुलकर बात करनी चाहिए. उनकी समस्याओं को समझने के साथ-साथ उनमें हो रहे बदलाव के प्रति साकांक्ष रहना चाहिए. उन्हें स्वस्थ रहने के तरीकों के बारे में बताना चाहिए. बालिकाओं को भावनात्मक समर्थन देने के लिए परिवार और दोस्तों का साथ जरूरी है. इन सामान्य तरीकों से बालिकाएं किशोरावस्था के बदलाव का सामना कर सकती हैं तथा स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन जी सकती है.

सर्वाइकल कैंसर रोकने में मदद करती एचपीवी वैक्सीन- डॉ नूतन

डॉ नूतन राय ने कहा कि किशोरावस्था में मासिक धर्म आम समस्या है. मासिक धर्म की समस्या के कारणों में हार्मोनल असंतुलन, तनाव और अन्य चिकित्सा स्थितियां शामिल हो सकती है. मासिक धर्म की समस्या के लक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाली. सर्वाइकल कैंसर के बारे में बतायी. कही कि एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर रोकने में मदद कर सकती है. यह वैक्सीनेशन 9-14 आयु वर्ष की लड़कियों के लिए अनुशंसित है.

किशोरावस्था एक परिवर्तनकारी यात्रा- राजकुमारी

महिला क्लब की सचिव राजकुमारी मारीवाला ने कहा कि किशोरावस्था एक परिवर्तनकारी यात्रा है. सही जानकारी, चिकित्सकीय मार्गदर्शन और भावनात्मक समर्थन से बालिका इस चरण को सफलतापूर्वक पार कर स्वस्थ और आत्मविश्वासी व्यस्क बन सकती है. माता-पिता, शिक्षकों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सामूहिक जिम्मेदारी है, कि वह इस संवेदनशील समय में बालिकाओं को आवश्यक सहायता सुनिश्चित करें. किशोरावस्था में बालिकाओं में बढ़ते मोबाइल प्रेम पर चिंता जतायी. कही कि मोबाइल पढ़ने के काम में उपयोगी है. यह गलत आचरण को भी बढ़ावा देता है. बालिकाओं को चाहिये कि मोबाइल के उपयोग में संयम बरते.

शरीर स्पर्श की भावना की रखें सही जानकारी- डॉ सुजाता

डॉ सुजाता ने किशोरियों को गुड टच और बेड टच के बारे में विस्तार से बतायी. सावधान रहने के उपाय बताये. रेखा पाहुजा ने किशोरावस्था में बालिकाओं के बालों और स्कीन की होने वाली समस्याओं और उसके निदान के उपाय बतायी. डॉन बॉस्को स्कूल की निदेशक शरबत यासमीन ने अतिथियों का स्वागत की. छात्राओं के प्रति महिला क्लब की सजगता पर क्लब के प्रति आभार व्यक्त की.

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