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Darbhanga News: भूमि की घटती उर्वरता, जलवायु परिवर्तन और सीमित संसाधनों से किसान परेशान, वैज्ञानिक सोच व आधुनिक तकनीक से होगा निदान : प्रमंडलीय आयुक्त

Darbhanga News:कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा बसैठ में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन प्रशिक्षुओं के बीच प्रमाण पत्र वितरण के साथ हो गया.

Darbhanga News: सदर. दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा बसैठ में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन प्रशिक्षुओं के बीच प्रमाण पत्र वितरण के साथ हो गया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त कौशल किशोर व विशिष्ट अतिथि के रूप में डीसीइ के प्राचार्य डॉ संदीप तिवारी, कृषि विज्ञान केंद्र व एसके चौधरी शिक्षा न्यास के अध्यक्ष डॉ संत कुमार चौधरी तथा राज्य परामर्शदात्री समिति के सदस्य उज्ज्वल कुमार मंचासीन थे. मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि एक समय था, जब कृषि ही लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन था. आज भूमि की घटती उर्वरता, जलवायु परिवर्तन और सीमित संसाधनों के कारण किसान परेशानी का सामना कर रहे हैं. इन चुनौतियों का समाधान केवल वैज्ञानिक सोच और आधुनिक तकनीकों को अपनाने में है. किसान ड्रिप इरिगेशन, जैविक खाद, मृदा परीक्षण जैसी तकनीकों को अपनायें तो कृषि को एक लाभकारी उद्योग के रूप में स्थापित किया जा सकता है. उन्होंने मिथिला की समृद्ध व सांस्कृतिक विरासत की सराहना की. कहा कि यहां की अतिथि-सत्कार परंपरा व लोगों का अपनापन अत्यंत प्रेरणादायक है. इस क्षेत्र की विशेषता इसकी संस्कृति, परंपरा एवं श्रमशीलता में निहित है. वहीं डीसीइ के प्राचार्य ने तकनीकी शिक्षा व कृषि के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया. कहा कि आधुनिक युग की मांग है कि कृषि में तकनीक का समावेश हो. स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन आधारित फसल निगरानी सेंसर और डेटा एनालिटिक्स जैसे नवाचार किसानों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं. उन्होंने डीसीइ दरभंगा व कृषि विज्ञान केंद्र को मिलकर अनुसंधान और तकनीकी सहयोग के लिए साझा प्रयास करने की घोषणा की, कहा कि इससे विद्यार्थियों को वास्तविक कृषि चुनौतियों पर शोध का अवसर मिलेगा और किसानों को नवाचारों का सीधा लाभ मिल सकेगा. डॉ संत कुमार चौधरी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक से कृषि की तस्वीर बदली जा सकती है. इससे न केवल आमदनी बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी. उज्ज्वल कुमार ने युवाओं से आधुनिक कृषि से जुड़ने की अपील की, ताकि रोजगार और नवाचार को बल मिल सके. कार्यक्रम का समापन उत्तर बिहार की उर्वर भूमि और अनुकूल जलवायु का वैज्ञानिक ढंग से उपयोग हो तो यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को नई उंचाइयों तक ले जा सकता है इस सामूहिक संदेश के साथ हुआ.

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