Darbhanga : दल बंट गया तो जुड़ सकता, दिल बंटा, तो नहीं जुड़ता Darbhanga : दरभंगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री सह रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने पिता के सपने और सिद्धान्तों के विरुद्ध लोकसभा में वक्फ बिल का समर्थन किया. उसने उनकी इच्छा के विरोध में बिल का सपोर्ट किया है. वह शनिवार को जिला कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. वफ्फ बिल का विरोध करते हुए पशुपति ने कहा कि अकलियत के साथ अन्याय हुआ है. भारत एक बगीचा है. इसमें सभी प्रकार के फूल खिलते हैं. सभी धर्म के लोग हैं. सबका अपना मौलिक अधिकार है. बड़े भाई रामविलास पासवान ने जीवन भर इसका पुरजोर समर्थन किया. लोकसभा में जिस तरीके से बिल आया और राज्यसभा में भी बिल पास हुआ है, पार्टी उसका विरोध करती है. पशुपति ने कहा कि दल बंट गया, तो जुड़ सकता है, लेकिन दिल बंट गया, तो नहीं जुड़ता है. वे भी चाहते हैं कि घर से लेकर दिल्ली तक की संपत्ति का बंटवारा हो जाये. शहरबनी, खगड़िया, पटना और दिल्ली तक की संपत्ति का बंटवारा हो. संपत्ति विवाद पर कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत यह हो रहा है. कुछ दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा. कहा कि बड़ी भाभी, जिन्हें वे बड़ी मां मानते हैं. 50 सालों से खगड़िया के घर में रह रही हैं. यह पैतृक संपत्ति है. जहां तीनों भाइयों के परिवार रहते हैं. हम राम, लक्ष्मण, भरत की तरह रहते थे. यह राजनीतिक मनभेद का मामला है. भाभी राजकुमारी देवी पढ़ी-लिखी नहीं हैं. थाने में जो शिकायत दर्ज हुई है, उसमें उनका अंगूठा लगाया गया है. यह जांच का विषय है. मौके पर पूर्व सांसद प्रिंस राज, पार्टी के प्रधान महासचिव केशव सिंह, जिलाध्यक्ष गगन झा, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा, प्रमोद कुमार सिंह, शिवनाथ पासवान, चन्दन कुमार आदि मौजूद थे.
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