महासम्मेलन . समाज के विकास गाथा की पुनरावृत्ति की है जरूरत
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इतिहास दोहराये सूड़ी समाज: गामी
महासम्मेलन . समाज के विकास गाथा की पुनरावृत्ति की है जरूरत दरभंगा : सूड़ी समाज का महत्वपूर्ण इतिहास रहा है. हमारे पूर्वजों में दान की प्रवृत्ति रही है. जिले में प्रधान घाट, दानी पोखर एवं स्कूल-कॉलेज का निर्माण किया. इससे सूड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समाज को लाभ पहुंचा है. सूड़ी समाज व अन्य समाज […]
दरभंगा : सूड़ी समाज का महत्वपूर्ण इतिहास रहा है. हमारे पूर्वजों में दान की प्रवृत्ति रही है. जिले में प्रधान घाट, दानी पोखर एवं स्कूल-कॉलेज का निर्माण किया. इससे सूड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समाज को लाभ पहुंचा है. सूड़ी समाज व अन्य समाज के कुछ वर्ग गरीबों में जी रहे हैं. सम्मेलन द्वारा परोपकारी इतिहास को दोहराने को ले प्रेरित किये जाने तथा पूर्वजों द्वारा किये गये कार्यों को याद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. इससे सूड़ी समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोगों को भी लाभ मिलेगा. ये बातें वैश्य सूड़ी समाज समिति व महासम्मेलन में हायाघाट विधायक अमरनाथ गामी ने कहीं.
रविवार को बहुउद्देश्यीय भवन में आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रीय वैश्य समाज के अध्यक्ष व मधुबनी विधायक समीर महासेठ ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कई धर्मशाला, तालाब, स्कूल आदि का निर्माण कराया. इसका अन्य समाज को भी लाभ मिला है. जरूरत है कि हम अपने पूर्वजों से कितने पीछे रह गये हैं, उसका मूल्यांकन करें. इस तरह के आयोजन पूर्वजों द्वारा किये गये कार्यों को याद कर पुन: दोहराने के लिए प्रेरित करता है.
कार्यक्रम से पूर्व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. अतिथियों को पाग-चादर पहनाकर सम्मानित किया. साथ ही वैश्य समाज से जुड़े लोगों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ शिवव्रत महतो ने किया. सूड़ी समाज के सचिव कृष्णदेव पूर्वे, अध्यक्ष बद्री पूर्वे, उपाध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद माधव, डॉ रामप्रकाश महतो, अरूण शंकर प्रसाद, बैद्यनाथ प्रसाद, विनोद गामी, सुमन महासेठ, रमेश राउत मौजूद थे.
नृत्य ने मनमोहा: क्रिएटिव डांस क्लास के कलाकार मनीषा व आनंद ने सत्यम-शिवम-सुंदरम गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया. कृष्णा एंड ग्रुप के अविनाश, पियूष, संगीत कुमार करीब दर्जन भर कलाकारों ने मेरे देश की धरती, ऐसा देश है मेरा, जय हो जय हो एवं संदेशे आते हैं, सरीखे गीतों पर देश के प्रति सैनिकों के भाव व गांव की मिट्टी में लौटने की वेदना, माता, पिता, सखा आदि से मिलने की तड़प के साथ-साथ आतंकियों से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान की प्रस्तुति पर सभी राष्ट्रपति से सराबोर महसूस कर रहे थे. महादेव का रोल निभा रहे इमाम अहमद व पार्वती का मनीषा के द्वारा भंग पीसने के लिए रूके पार्वती को मनाना एवं भंग पीसने से हाने वाली तकलिफ को पाव भर भांग खिआ द न, हमसे भांग पिसाई न के प्रस्तुति पर लोगों ने छककर रसपान किया.
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