डीएमसीएच का हाल . इलाज के लिए भटकते रहते हैं मरीज
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मानसिक रोगियों के प्रति कब संवेदनशील बनेगा अस्पताल
डीएमसीएच का हाल . इलाज के लिए भटकते रहते हैं मरीज दरभंगा : इलाके के मानसिक रोगियों के प्रति डीएमसीएच की मानसिकता बीमार नजर आ रही है. सहानुभूति के मोहताज मानसिक रोगियों के उपचार के प्रति विभाग पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ है. डीएमसीएच में नौ साल पहले बनकर तैयार तीस बेड वाले मानसिक रोग […]
दरभंगा : इलाके के मानसिक रोगियों के प्रति डीएमसीएच की मानसिकता बीमार नजर आ रही है. सहानुभूति के मोहताज मानसिक रोगियों के उपचार के प्रति विभाग पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ है. डीएमसीएच में नौ साल पहले बनकर तैयार तीस बेड वाले मानसिक रोग विभाग के इंडोर को चालू करने की मानसिकता न सरकार की सकारात्मक नजर आ रही और न ही अस्पताल प्रशासन की. एक बार के उद्घाटन से महकमा का जी नहीं भरा तो अब दोबारा उद्घाटन की प्रतीक्षा हो रही है
इसे लेकर विभाग खुद मानसिक रोग से ग्रस्त नजर आ रहा है. साल 2008 में विभाग का विधिवत उद्घाटन हो चुका है. एक बार फिर से इसके उद्घाटन के लिए मानसिक रोग विभाग की ओर से सीएम से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव तक से पत्राचार किया जा रहा है. आश्चर्यजनक पहलू कि न तो सरकार की नजर इस ओर है और न ही आम जन की पीड़ा से खुद को दुखी बताने वाले जन प्रतिनिधि ही इसे तबज्जो दे रहे हैं. अस्पताल प्रशासन की मानसिकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले कई वर्षों से निरीक्षण के क्रम में मानसिक रोगियों के लिए इंडोर की सुविधा बहाल नहीं होने पर कड़ा एतराज जताया जाता रहा है. एमसीआई ने एमबीबीएस की मान्यता तक रद्द करने की भी चेतावनी दी थी.
उद्घाटन के बाद भवन को बना दिया स्टोर : उद्घाटन के बाद डीएमसीएच प्रशासन 30 शैय्या वाले मानसिक रोग वार्ड में मानसिक रोगियों की इलाज नहीं शुरू कर सका. विभाग के भवन को दवा स्टोर बना दिया गया. पूछने पर अस्पताल प्रशासन लगातार वार्ड में कमियों की गिनाते रहा. अस्पताल प्रशासन की बात पर सरकार धीरे-धीरे सारी कमियों को दूर कर दिया. इसके बाद भी वार्ड में मरीजों की इलाज शुरू नहीं हो सका है.
रोगियों की संख्या मेेंं वृद्धि
मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ उपेंद्र पासवान ने बताया कि हाल के दिनों में मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सारी सुविधा होने के बाद भी यहां के मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इंडोर चालू करने के लिए वे अस्पताल प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य सचिव व सरकार तक को आवेदन दिये, लेकिन सुनने वाला नहीं है.
परिसर बना जुए का अड्डा
मानसिक रोग वार्ड परिसर जुआ का अड्डा बनकर रह गया है. बताया जाता है कि सुबह से लेकर देर शाम तक आवारा युवक इस परिसर में जुआ खेलते हैं. वहीं, शाम होते ही यहां नशेड़ियों का जमावड़ा हो जाता है.
30 बेडवाले अस्पताल का नौ साल पूर्व मंत्री ने किया था उद्घाटन
मानसिक रोग वार्ड बनकर तैयार है, लेकिन भवन निर्माण विभाग अब तक इस भवन को हैंडओवर नहीं किया है. एमसीआइ इसके प्रति काफी गंभीर है. जल्द ही मेडिसीन वार्ड में मानसिक रोगियों के इलाज की व्यवस्था शुरू होगी.
डॉ संतोष कुमार मिश्र,
अधीक्षक, डीएमसीएच
उद्घाटन के बाद नहीं शुरू हाे सका इलाज
मानसिक रोगियों की इलाज के लिए 18 दिसंबर 2008 को तत्कालीन भवन निर्माण मंत्री छेदी पासवान ने डीएमसीएच में तीस शय्या वाले मानसिक रोग विभाग के भवन का उद्घाटन किया था. उदघाटन के मौके पर नगर विधायक संजय सरावगी, प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम भी मौजूद थे. तामझाम से हुए उदघाटन में कहा गया था कि अब इलाके के मानसिक रोगियों को बाहर भटकना नहीं पड़ेगा.
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