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चिकत्सिक है न दवा, चल रहा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र

चिकित्सक है न दवा, चल रहा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र फोटो : 3,4परिचय : अस्पताल में झूल रहा ताला, कमरे में रखा सरसों का बोझा * चार साल बाद भी केंद्र को नहीं उपलब्ध करायी गयी सुविधाएं* बिजली का भी नहीं कराया गया कनेक्शन सिंहवाड़ा : कलिगांव पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र का शिल्यान्यास 30 […]

चिकित्सक है न दवा, चल रहा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र फोटो : 3,4परिचय : अस्पताल में झूल रहा ताला, कमरे में रखा सरसों का बोझा * चार साल बाद भी केंद्र को नहीं उपलब्ध करायी गयी सुविधाएं* बिजली का भी नहीं कराया गया कनेक्शन सिंहवाड़ा : कलिगांव पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र का शिल्यान्यास 30 जून 12 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया था. कलिगांव,अस्थुआ, कटका, भरवाड़ा, निस्ता, कोरौनी, भवानीपुर, भजौड़ा के लोगों में आशा बंधी की अब इलाज कराने के लिए जाले या दरभंगा नहीं जाना पड़ेगा. छह बेड वाले इस उप स्वास्थ्य केंद्रका निर्माण सवा 53 लाख रुपये से किया गया लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस केंद्रको आज भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी है. चार वर्षों से मात्र एक आयुष चिकित्सक सुरेंद्र ठाकुर यहां प्रतिनियुक्त है. इस केंद्रमें न तो रुई है और न दवा. सुविधा के अभाव में सामान्य प्रसव भी यहां नहीं कराया जाता. जबकि इस पंचायत की 80 फीसदी आबादी दलित, महादलित,पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग की है. इसके 22 किमी उतर जाले, दक्षिण सिंहवाड़ा 12 किमी पूरब तथा दरभंगा 31 किमी एवं हरिहरपुर 10 किमी दूरी पर अस्पताल और उप स्वास्थ्य केंद्रअविस्थत है. एक डॉक्टर हैं भी वह समय से आना मुनासिब नहीं समझते. दवा के नाम पर चूर्ण बांटकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहे है. दो हॉल सहित 17 कमरा एवं बिना ऑपरेटर के ओटी कक्ष इस अस्पताल में मौजूद है. एक चापाकल जो अंदर में है वह भी खराब है. सबसे खास बात यह है कि आज तक बिजली का कनेक्शन भी नहीं कराया गया है. इस केंद्रका उपयोग ईलाज के लिए हो या न हो लेकिन सरसों का बोझा रखने के उपयोग में जरूर किया जा रहा है.उम्मीद नहीं हो रहा पूरा ग्रामीण गीता देवी, सुनीता देवी, फूल कुमारी देवी, रीना देवी, जय प्रकाश झा, भुवनेश्वर झा ने बताया कि इससे अच्छा तो तब था जब वह एक व्यक्ति के दलान में चलता था. लोग आकर इलाज करवाते थे. अब तो वह भी नहीं हो मिलता. भूदाता विजय कुमार झा के परिजनों ने बताया कि बड़ी आशा और उम्मीद के साथ अस्पताल के लिए 11 कट्ठा जमीन दान में दिया था. यहां तक कि जमीन गड्ढे मे तब्दील था, जिसको मिट्टी भरवा कर दिया ताकि अस्पताल का निर्माण हो सके एवं इलाके के लोगों को इलाज कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. उन्होंने इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगाया लेकिन आज तक किसी ने इस तरफ ध्यान नही दिया.बोले पीएचसी प्रभारी वहीं सिंहवाड़ा पीएचसी प्रभारी मिथलेश झा से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि वहां आयुर्वेदिक दवा ही उपलब्ध है. दवाओं कि किल्लत है. दवा आती है तो सभी उप केंद्रों को मई तक दवा उपलब्ध करा दिया जायेगा.

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