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डीएमसीएच का एक्स-रे यूनिट फेल

डीएमसीएच का एक्स-रे यूनिट फेलकर्मियों की कमी का टोटादलालों के सामने नतमस्तक है मरीजफोटो-परिचय-दरभंगा . डीएमसीएच का एक्स-रे यूनिट फेल है. एक्स-रे यूनिट चार सालों से रेंग रहा है. मरीज परेशान हैं. जिनके पास पैसे हैं वे निजी एक्स-रे यूनिट से एक्स-रे करवा डीएमसीएच के डाॅक्टरों से इलाज करा घर चले जात हैं. जिनके पास […]

डीएमसीएच का एक्स-रे यूनिट फेलकर्मियों की कमी का टोटादलालों के सामने नतमस्तक है मरीजफोटो-परिचय-दरभंगा . डीएमसीएच का एक्स-रे यूनिट फेल है. एक्स-रे यूनिट चार सालों से रेंग रहा है. मरीज परेशान हैं. जिनके पास पैसे हैं वे निजी एक्स-रे यूनिट से एक्स-रे करवा डीएमसीएच के डाॅक्टरों से इलाज करा घर चले जात हैं. जिनके पास पैसे नहीं वैसे मरीज एक्स-रे के लिए यूनिट की लंबी कतार में लग जाते हैं. एक- एक कर इमरजेंसी एक्स-रे यूनिट ठप होती चली गया. लेकिन इस बीच डीएमसीएच प्रशासन ने मरीजों की पीड़ा को कम करने में रुचि नहीं दिखायी. नये दो मशीन करीब एक साल से कमरों की शोभा बढ़ा रही है. पुराने मशीन छोटी-छोटी मरम्मत के अभाव में जंग की भेंट चढ़ रही हैं. एक्स-रे वाले मरीज का एक्स-रे यूनिट में एक माह तक नो वेकैंसी है. कारण प्रत्येक दिन 300 मरीजाें के लिए डीएमसीएच का एमलौता एक्स-रे यूनिट सर्जिकल भवन का है. इस यूनिट के भरोसे इनते मरीजों का एक्स-रे प्रत्येक दिन होना नामूमकिन है. इस हालात में कर्मी व मशीन 120 मरीजों को एक्स-रे करते ही जबाव देने लगता है. इसको लेकर अधिकांश मरीजों को एक माह बाद एक्स-रे के लिए बुलाया जाता है. गंभीर या पुलिस केस से जुड़े मरीजों का ऑन द स्पॉट एक्स-रे होता है. क्या है परेशानीडाक्टर बिना एक्स-रे जांच के मरीज का इलाज नहीं करते. इधर मरीज को एक्स-रे कर्मी बाहर का रास्ता दिखाते हैं. इस दोनों के बीच मरीज दिनभर इधर से उधर भटकते रहते हैं. अंत में थक हारकर मरीज के परिजन झल्लाकर अपनी पीड़ा का ठीकरा डाक्टर व कर्मी पर फोड़ते हैं. इधर कर्मी व डाक्टरों की अलग पीड़ा है.फेल हुआ एक्स-रे यूनिटएक जमाना था कि चार एक्स-रे यूनिट दनादन काम कर रहा था. धीरे धीरे सभी ऐसे यूनिटों में जंग लग गया. इसके कारण शिशुरोग व ईमरजेंसी वार्ड का एक्स-रे यूनिट दो सालों से ठप पड़ा है. रेडियोलॉजी विभाग का एक्स-रे यूनिट वीआइपी लोगों के लिए सुरक्षित है. यहां सिर्फ मेडिसीन वार्ड, ईएनटी और शिशुरोग वार्डों के मरीजों को एक्स-रे होता हे. इसके अलावा करीब डेढ़ दर्जन वार्डों व यूनिटों के मरीजों का एक्स-रे सर्जिकल भवन के सहारे चलता है.दो नये मशीन बंद हैं कमरों मेंसरकार ने मरीजों के निजात के लिए एक साल पूर्व दो एक्स-रे मशीन क ी आपूर्ति की थी. मरीजोंं के लोड को कम करने के लिए एक नया मशीन ईमरजेंसी वार्ड में लगाया गया. लेकिन वह मशीन कमरें में बंद पड़ा है. नया मशीन कहा लगेगी इसके अभाव में मशीन स्टोर में साल भर से पड़ा है. मानक पर नहीं एक्स-रे प्लेट22.50 लीटर के रसायन से 400-450 एक्स-रे प्लेट तैयार होता है. समय पर रसायन नहीं मिलने से उसी के मिकल में एक्स-रे प्लेट धोया जाता है. इसके चलते उसकी गुणवत्ता मानक पर नहीं उतरती है. मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डा. बीके सिंह ने भी कभी कभार इसकी शिकायत की है.क र्मियों की कमीएक्स-रे यूनिट में कर्मियों की भारी कमी है. मरीजों के हिसाब से कर्मियों के रिक्त पद नही बढाये गये हैं. वर्त्तमान में सभी मरीजों के एक्स-रे के लिए अतिरिक्त 10 तकनीशियनों की जरुरत है. वर्त्तमान में भी कर्मियों के स्वीकृत पद मे ंसे 7 पद खाली पड़े हैं. यहां अभी 7 कर्मी कार्यरत हैं. मरीज दलाल के सामने नतमस्तकयहां का एक्स-रे का हाल देख मरीज दलाल के सामने नतमस्तक हैं. सिंहवाड़ा निवासी सोगारथ राम की पत्नी लुखिया देवी का पांव चापाकल चलाने क दौरार टूट गया. डाक्टरों की सलाह पर एक्स-रे कराने सर्जिकल भवन पहुंचे. परिजनों को कर्मी का टका सा सलाह था कि 31 दिसंबर 15 को एक्स-रे कराने आइये. इस पर परिजन विदक गये. कहते हुए चले गये कि आपलोग दलाल के चंगुल में जाने को मजबूर करते हैं. वहीं केवटी प्रखंड के मझिगामा गांव निवासी रौशन ठाकुर की पत्नी सीता देवी भैंस को बांधने के दौरान जख्मी हो गयी थी. उनका बांया हाथ टूट गया था. लाख गिरगिराने के बाद भी मरीज को एक माह बाद आने को कहा गया. परिजनों ने कर्मी को कहा कि एक्स-रे नहीं होगा तो नाम के लिए खुला है एक्स-रे यूनिट. बड़ा बाजार निवासी रमेश सहनी का भी एक्स-रे नहीं हो पाया. परिजनों ने बताया कि उन्हें कर्मी ने इसबात को लेकर टरका दिया है कि यहां केवल ऑन स्पॉट गंभीर व पुलिस से संबंधित मरीजों को एक्स-रे होता है. इधर सोनकी गांव निवासी माधो साह के पुत्र शंकर साह का दांया पांव के इलाज के लिए यहां लाया था. मरीजोंं के रेलमपेल देख उनकी यहां हिम्मत टूट गयी है. मरीज का एक्स-रे निजी एक्स-रे यूनिट में करायेंगे कह चल दिये.अस्पताल अधीक्षक डा. एसके मिश्रा ने बताया कि आपूर्तिकर्त्ता ने ईमरजेंसी यूनिट में इंस्टॉल्ड नया एक्स-रे मशीन डीएमसीएच प्रशासन को हैंडओवर नहीं किया है. दूसरी मशीन रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी की मांग पर लगाया जाना है. इसकी सूचना उन्हें नहीं है.

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