Darbhanga News: दरभंगा. शिक्षा में गुणवत्ता के लिए संसाधन का होना अनिवार्य है. सरकारी स्कूलों में इसकी कमी देखी जाती है. खासकर प्रारंभिक विद्यालय में शौचालय, पेयजल, वर्ग कक्ष, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, बेंच- डेस्क, उपस्कर, उपकरण, स्मार्ट क्लास, आइसीटी लैब आदि की कमी है. किसी विद्यालय में बिजली है, तो वायरिंग नहीं या फिर वर्ग कक्ष है, तो खिड़की-दरवाजे टूटे हैं. फर्श रिपेयरिंग मांग रहा है. हालांकि विगत कुछ वर्षों में इसमें काफी सुधार आया है, किंतु अभी भी इस पर काम होना बाकी है. शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों के प्रधानों से विद्यालय में संसाधनों की कमी को ई शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. विडंबना यह है कि जिले के 604 स्कूलों ने इंफ्रास्ट्रक्चर की डिमांड में रुचि नहीं दिखाई है. शिक्षा विभाग के जिलावार आंकड़े के अनुसार यहां के 2586 स्कूलों से डिमांड प्राप्त करना था. इसमें से मात्र 1982 स्कूलों ने पोर्टल पर डिमांड अपलोड किया. 604 स्कूलों ने अब तक इस पर कार्रवाई नहीं की है.
शहर के 33 विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर डिमांड अपलोड नहीं
शहर के कई नामचीन स्कूलों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर डिमांड पोर्टल पर अपलोड करने में रुचि नहीं दिखाई है. इसमें 33 विद्यालय शामिल है. प्लस टू एमएल एकेडमी, जिला स्कूल, देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद कन्या उच्च विद्यालय, एमएआरएम हाइस्कूल, एमकेपी विद्यापति हाइस्कूल, मध्य विद्यालय कटहलबाड़ी, बाकरगंज उर्दू, बलभद्रपुर, बेलाशंकर, बेलवागंज, भीगो, कोतवाली चौक, लालबाग उर्दू, पंडासराय प्राथमिक विद्यालय आदि इसमें शामिल है. इसमें से कई ऐसे विद्यालय हैं, जिनके पास भूमि एवं भवन की कमी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है