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दरभंगा : विवाहपंचमी को लेकर श्रीराम बरात शोभायात्रा निकाली गयी, देर रात होगा विवाहोत्सव

दरभंगा (कमतौल) : बिहार में दरभंगा जिला के जाले प्रखंड अंतर्गत अहियारी उत्तरी पंचायत स्थित तीर्थ स्थल अहल्यास्थान स्थित सिया-पिया निवास से महंत बजरंगी शरण के नेतृत्व में रविवार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की झांकी बैंड बाजे के साथ बरात की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गयी. आकर्षक ढंग से सजे डोली में आगे राम […]

दरभंगा (कमतौल) : बिहार में दरभंगा जिला के जाले प्रखंड अंतर्गत अहियारी उत्तरी पंचायत स्थित तीर्थ स्थल अहल्यास्थान स्थित सिया-पिया निवास से महंत बजरंगी शरण के नेतृत्व में रविवार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की झांकी बैंड बाजे के साथ बरात की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गयी. आकर्षक ढंग से सजे डोली में आगे राम दरबार की तस्वीर और उसके पीछे भगवा झंडा लिए पुरुष श्रद्धालु, गीत गाती महिलाओं की टोली सहित भगवान के स्वरूप की झाकियां साथ चल रही थीं.

सबसे पीछे आर्केस्ट्रा ट्रॉली पर सवार कलाकार मंगल गीतों की मधुर ध्वनि बिखेरते हुए चल रहे थे.’नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो, चरण हो राघव के जहां मेरा ठिकाना हो’, ‘अहल्यास्थान के घाट-घाट पर अहिला देखे बाट, राम मेरे आ जाओ’ व ‘दूल्हा बने हैं श्रीराम, सिया जी होगी दुल्हिन’ जैसे कर्णप्रिय भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय बना रहा.

सिया-पिया निवास से दूल्हा बने श्रीराम और लक्ष्मण जब घोड़े पर सवार होकर बाहर निकले जय श्रीराम के नारों से अहल्यास्थान का चप्पा-चप्पा गुंजित हो उठा. बरात में दूल्हा के साथ दशरथ की भूमिका में महंत बजरंगी शरण पैसे और चॉकलेट लुटा रहे थे. उधर, साथ चल रहे दर्जनों महिला, पुरुष श्रद्धालु जय श्रीराम जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे. ‘आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारु दूल्हा में बड़का कमाल सखिया’ गीत पर नाचते गाते और नारा लगाते साथ चल रहे युवाओं और बच्चों की टोली का उत्साह जैसे छलक रहा था.

आकर्षक ढंग से सजे श्रीराम अनुज लक्ष्मण के साथ बरात शोभायात्रा जिधर से गुजरी उधर देखने वालों की भीड़ बढ़ती गयी. जगह-जगह बरात के स्वागत के लिए श्रद्धालु खड़े थे. श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर बरात का स्वागत किया और भगवान के स्वरूप की आरती भी उतारी. बरात दोपहर तीन बजे अहल्यास्थान से निकली, जो अहियारी, चहुंटा होते हुए देर शाम सात बजे विवाह स्थल सिया-पिया निवास पहुंची. जहां दूल्हा रूपी राम-लक्ष्मण के परिछन की रस्म अदायगी हुई.

इस अवसर पर ‘चलु चलु देखन सखिया सजनी हमार हे, सुंदर दुलहवा ऐलखिन जनक दुआर हे’, और ‘परिछन चलु सखीया सुंदर जमईया हे सोहावन लागे, वर छथि अति सुकुमार हे सोहावन लागे’ जैसे वैवाहिक गीत त्रेता युग में हुए सीताराम विवाह उत्सव की याद ताजा कर रहे थे. स्वागत सत्कार के बाद देर रात विवाह की रस्म पूरी की गयी. पूरे समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस बल की मौजूदगी रही.

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