दरभंगा : विद्युत विभाग से करार के बाद एचपीएल कंपनी के द्वारा लगाये गये प्री-पेड मीटर में खामी रहने से विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है. इसपर अंकुश लगाये जाने की ओर विभाग या कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है.
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प्री-पेड मीटर में कई खामियां
दरभंगा : विद्युत विभाग से करार के बाद एचपीएल कंपनी के द्वारा लगाये गये प्री-पेड मीटर में खामी रहने से विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है. इसपर अंकुश लगाये जाने की ओर विभाग या कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है. इससे जहां ऐसे उपभोक्ता भरपूर फायदा उठा लेते है, […]
इससे जहां ऐसे उपभोक्ता भरपूर फायदा उठा लेते है, वहीं विभाग को बिजली खपत किये जाने के बाद भी राजस्व प्राप्त नहीं होने से नुकसान उठाना पड़ रहा है. कंपनी के द्वारा लगाये गये मीटर में खराबी आने से रिर्चाज की गयी राशि समाप्त के बाद भी सामान्य मीटर की ही तरह उपभोक्ता को निर्वाध रूप से बिजली की आपूर्ति होती रहती है.
जब तक इस ओर विभाग का ध्यान जाता है, तब तक हजारों रूपये का चूना लग गया होता है. कारण मीटर खराब होने की स्थिति में उपभोक्ता के द्वारा इस अवधि में बिजली की खपत का अनुमान लगाना मुश्किल होता है. खासतौर पर कमर्शियल कनेक्शन में लगाये गये प्री-पेड मीटर में खराबी आने के बाद बिजली खपत का अनुमान लगाना मुश्किल है.
दो वर्षों में 60 मीटरों में गड़बड़ी
जानकारी के अनुसार कंपनी के द्वारा लगाये गये प्री-पेड मीटर में इन दो वर्षो में 60 मीटरों में गड़बड़ी पायी गयी है. इसमें बीते कुछ माह में करीब आधा दर्जन मीटरों में गड़बड़ी आने से रिर्चाज की राशि समाप्त होने के बाद भी उपभोक्ताओं को निर्वाध रूप से बिजली की आपूर्ति होते रहने की बात बतायी जा रही है. तीन-चार माह तक उपभोक्ता के रिचार्ज के लिये कार्यालय नहीं पहुंचने पर कंपनी के प्रतिनिधि स्थल पर पहुंच जांच कर पूर्व में किये रिचार्ज के आधार पर भुगतान करने को कहते हैं.
मीटर में खराबी आने पर पैसा खत्म होने के बाद भी बिजली की होती रहती आपूर्ति
नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं, उपभोक्ताओं को मिलता है बेजा लाभ
दो वर्षों में लगे नौ सौ मीटर, अब तक 60 में गड़बड़ी
प्री-पेड मीटर की तकनीक में सुधार की जरूरत : नगर में महज कंपनी की ओर से नौ सौ प्री-पेड मीटर वर्त्तमान में लगाये गये हैं. इसमें खराबी आने पर उपभोक्ता आंख में धूल झोंक बिजली का उपयोग करने के बावजूद खराबी की शिकायत करने की जल्द पहल नहीं करते. वहीं विभाग भी इस ओर उदासीन बना हुआ है.
नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं रहने का कनेक्शन धारक फायदा उठा लेते हैं. इधर इक्का-दुक्का उपभोक्ता ही मीटर में खराबी आने के बाद बिजली आपूर्ति होने की शिकायत आवेदन देकर की है. बिजली चोरी व राजस्व उगाही को ले भविष्य में सभी पोस्ट पेड मीटर हटाकर प्री-पेड मीटर लगाने की योजना सरकार की है. अगर मीटर की तकनीक में सुधार नहीं किया गया तो वैसी स्थिति में विभाग को बड़ी रकम के राजस्व की हानी उठानी पड़ सकती है.
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