21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रो-रो के दिल ने कहा माहे मुबारक अलविदा

दरभंगा/अलीनगर : अफसोस कि रुखसत हुआ माहे मुबारक अलविदा, रो-रो के दिल ने ये कहा माहे मुबारक अलविदा, जैसी पंक्तियों को शहर से लेकर गांव तक की मसजिदों में इमामों ने पेश कर रमजानुल मुबारक के चौथे और आखरी जुमा को जुमअतुलवेदा की शक्ल में मनाया और रुखस्त किया. चिलचिलाती धूप में भी मसजिद के […]

दरभंगा/अलीनगर : अफसोस कि रुखसत हुआ माहे मुबारक अलविदा, रो-रो के दिल ने ये कहा माहे मुबारक अलविदा, जैसी पंक्तियों को शहर से लेकर गांव तक की मसजिदों में इमामों ने पेश कर रमजानुल मुबारक के चौथे और आखरी जुमा को जुमअतुलवेदा की शक्ल में मनाया और रुखस्त किया. चिलचिलाती धूप में भी मसजिद के भर जाने पर लोग टावर परिसर में बिछे कारपेट पर नमाज अदा कर रहे थे. जहां पुलिस बल की तैनाती भी थी. इसी प्रकार बाकरगंज जामा मसजिद के बाहर सड़क पर भी नमाजियों की काफी भीड़ थी.

शाही मसजिद किलाघाट, करमगंज, रहमगंज, उर्दू बाजार, भीगो, इमामबाड़ी, बेंता, कादिराबाद एवं शिवधारा आदि मसजिदों में भी अलविदा की नमाज अदा की गई इससे घन्टों यातायात अवरुद्ध रहा.

नमाज के निर्धारित समय से करीब दो घंटे पहले ही पुलिस ने लोहिया चौक व पालीराम चौक पर बांस-बल्ला लगा आवागमन रोक दिया था. इसका सीधा असर वीआइपी रोड पर पड़ा. लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. इस दौरान पुलिस की गाड़ी गश्त लगाती रही. इस अवसर पर दरभंगा टावर चौक स्थित जामा मसजिद में नमाजियों को खिताब करते हुए खतीबों इमाम कारी मो. मोहसिन ने कहा कि अल्लाह ने मोमिनों को जान व माल के सही रास्ते में खर्च करने के बदले जन्नत का वादा किया है.
अल्लाह ने महज अपने करम से हम ईमान वालों को रमजानुल मुबारक जैसा नमूना अता किया है. उन्होंने कहा कि मेरी सब इबादतें रब्बुल आलमीन के लिये हैं. अल्लाह के फरमान को प्रस्तुत करते हुए कहा कि रोजा हम पर फर्ज किया गया जैसा कि पिछलों पर भी सिर्फ इसलिये कि तकवा आ जाये. यह जान भी अल्लाह की अमानत और हमारा सब माल भी अल्लाह की अमानत है. अल्लाह ने अपनी मर्जी छोड़ने और मेरी मर्जी मानने को कहा है. जिस तरह हमने रोजे रख कर खाना छोड़ दिया,
पीना छोड़ दिया हद तो यह कि वजू करने के क्रम में मुंह में लिया गया पानी हलक में नहीं जाने दिया इसी तरह हमने अल्लाह के हुक्म को माना तो अल्लाह का यह भी वादा है कि रोजा गुनाहों को जला देती है, मगर रोजा को शर्त के मुताबिक पूरा करना जरूरी है. रोजा रखना कमाल नहीं, बल्कि उसे कुबूल करवाना कमाल है. अल्लाह के सामने रोना पड़ेगा. निदामत के आंसू गिराने होंगे. जिसने इस महीने का एहतेराम किया उसे यह खुशखबरी देकर जा रहा है कि अल्लाह ने अगले और पिछले गुनाह मुआफ कर दिया. उन बडब्ख्तों को भी अलविदा यह कह रहा है कि अब कौन सा दिन आएगा जब तू अपनी मगफिरत करवाएगा. उन्होंने खुलासा किया कि जिब्रईल आये थे और उन्होंने तीन बार अलग-अलग बद्दुआ किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें