Crime News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मोबाइल दुकानदार की आइडेंटी चोरी कर अपराधियों ने करोड़ों रुपये की लेन - देन कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. जिले के नगर थाना क्षेत्र के महराजी पोखर का पीड़ित शुभम रहने वाला है. साइबर थाने में आइडेंटी चोरी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. मोबाइल दुकानदार का आधार व पैन कार्ड का फर्जी इस्तेमाल कर करोड़ों का लेन- देन किया गया है. नगर थाना क्षेत्र के महराजी पोखर के रहने वाले मोबाइल रिपेयरिंग दुकानदार शुभम कुमार का आधार व पैन कार्ड का फर्जी इस्तेमाल करके जीएसटी से संबंधित करोड़ों रुपये का लेन- देन किया गया है.
जीएसटी में करोड़ों रुपए की लेन- देन
यह फर्जीवाड़ा न्यू दिल्ली के पीतमपुरा के गली नंबर एक के भारत ढाबा के निकट श्रीनगर के एक बिजनेस एड्रेस से किया गया है. मामले को लेकर पीड़ित सुभम कुमार ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें अपने साथ हुए फ्रॉड के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. साइबर थानेदार डीएसपी अभिषेक आनंद ने पूरे मामले की जांच नगर थानेदार इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह को दिया है. दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित मोबाइल रिपयेरिंग दुकानदार शुभम कुमार ने बताया है कि वह कल्याणी चौक पर एक कॉम्पलेक्स में अपनी दुकान चलाते हैं. 2021-22 का अपना इनकम टैक्स रिटर्न 3 लाख 37 हजार 310 रुपये जमा किया था.
आइडेंटिटी चोरी कर हुआ फर्जीवाड़ा..
दुकान पर सेल कम होने के कारण उसने अभी तक अपना जीएसटी नंबर भी नहीं लिया है. इस वर्ष का जब वह इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने गये तो पता चला कि उसके नाम, आधार व पैन कार्ड का इस्तेमाल करने दूसरा व्यक्ति ने जीएसटी लिया है. उससे करोड़ों रुपये का लेनदेन किया है. उसका असेसमेंट 2022-23 का इंटरेस्ट ऑफ सेविंग बैंक 830 रुपये और इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिट दो लाख 10 हजार 51 रुपये मात्र है. जबकि रिसिप्ट पर एक करोड़ 30 लाख 69 हजार रुपये जीएसटी टर्न ऑवर तीन करोड़ 22 लाख 16 हजार 198 रुपये दिखा रहा है. यह जानकारी मिलने के बाद जीएसटी कार्यालय जाकर पूरा स्टेटमेंट निकाला तो इसका जीएसटी नंबर उसके नाम से लिया गया है. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि मोबाइल रिपेयरिंग दुकानदार की आइडेंटिटी चोरी करके यह फर्जीवाड़ा किया गया है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
साइबर ठगों ने तीन लोगों को बनाया शिकार
ठगी के लिए साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरुरत है. बांका जिले में साइबर ठगी के शिकार लोग प्रतिदिन शिकायत करने साइबर थाना पहुंच रहे हैं. शनिवार को भी ठगी के शिकार तीन व्यक्ति थाना पहुंचे. इन्होंने थाने में आवेदन भी दिया है. साइबर ठग ने आये दिन जिलेभर के लोगों के साथ तरह-तरह का हथकंडा अपनाते हुए उसे अपना शिकार बना रहे हैं. इसे लेकर शनिवार को ठगी के शिकार हुए तीन व्यक्तियों ने साइबर थाना में अलग-अलग मामले का आवेदन दिया. ठग गिरोह पर कार्रवाई करने की गुहार लगायी है. दिये गये आवेदन में फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के डोमोडीह गांव निवासी संजीव दास ने कहा कि मेरे माेबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल करते हुए कहा कि मैं डीएम ऑफिस बांका से बोल रहा हूं. आप को 10 हजार ऑनलाइन करना है. इसके बाद उक्त फोन कटते ही मेरे पे फोन से 3748 व 1498 रुपये की निकासी कर ली.
दूसरे मामले में सदर थाना क्षेत्र के लकड़ीकोला निवासी संजय कुमार मंडल के मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि आप पे फोन का उपयोग करते हैं. इसलिए आप को प्रधानमंत्री योजना से आप के खाते में 4558 रुपया मिला है. उक्त रुपये को आप अपने मोबाइल पर जांच कर सकते हैं. इसके लिए आप को एक लिंक भेज दिया हूं आप ओपेन करके जांच कर लें. जैसे ही लिंक को ओपेन किया कि मेरे खाते से 13678 रुपये की निकासी कर ली.
मोबाइल पर लिंक भेज कर की ठगी
वहीं तीसरे मामले में सदर थाना क्षेत्र के डोमाखाड़ निवासी एक व्यक्ति के खाते से साइबर ठग गिरोह ने 11 हजार रुपये की निकासी कर ली. जबकि, शहर के विजयनगर मुहल्ला निवासी सागर मिश्रा शनिवार को ठगी के शिकार होते-होते बच गये. उक्त व्यक्ति ने बताया कि उनके मोबाइल पर कॉल आया कि मैं बिजली ऑफिस बांका से बोल रहा हूं. आप का बिजली बिल भुगतान करने का आज ही अंतिम तिथि है. इसके साथ उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया. जिसके माध्यम से उन्हें बिजली बिल भुगतान करने की बात कही गयी. लेकिन उक्त उपभोक्ता ने सावधानी बरते हुए मामले को लेकर तुरंत बिजली ऑफिस पहुंचे और राजस्व विभाग के एसडीओ सर्वेश कुमार सिंह को मामले की जानकारी दी. बिजली विभाग के अधिकारी ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि विभाग के कर्मी के पास या बिजली ऑफिस में आकर ही बिजली बिल को जमा करे. नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं. जिसके बाद वे सावधान हो गये और ठगी के शिकार होने से बच गये. कई तरीके से साइबर ठग चूना लगाते हैं.
ठगी से बचने के लिए सावधानी जरुरी
लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. लुभावने और धन दोगुना करने वालों के झांसे में न आएं. लालच में फंसने पर साइबर ठग आपका खाता खाली कर देंगे. अपनी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता बरतनी होगी. व्यक्तिगत और बैंक संबंधी जानकारी को किसी से साझा न करें. व्हाट्सएप और संदेश में आने वाले लिंक न खोलें. आपकी सतर्कता ही बचाव है. घर की छत या खाली प्लाट में मोबाइल टावर लगवाने का संदेश भेजा जाता है. जरूरी कागज तैयार कराने के नाम पर रुपये ठगे जाते हैं. लाटरी में लाखों रुपये जीतने का संदेश भेजकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. टैक्स व कागज बनवाने के नाम पर रुपये मांगते हैं. फेसबुक पर किसी लड़की या महिला की फोटो लगाकर आइडी बनाते हैं. दोस्त बनाकर मैसेंजर पर काल करते हैं. बाद में अश्लील वीडियो भेजकर वायरल करने की धमकी दी जाती है. टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर रुपये डबल करने, एक दिन में लाखों की कमाई का लालच देकर ठगी करने का नया तरीका भी सामने आया है.
'सोशल मीडिया पर फर्जी लिंक से रहे सावधान'
बांका के पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सह साइबर थानाध्यक्ष मंगलेश सिंह बताते है कि सोशल मीडिया पर आने वाले फर्जी लिंक से पूरी तरह सावधान रहें. किसी भी संदिग्ध लिंक पर बैंक संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी सांझा न करें, ऐसा करने से साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं. लोभ-लालच में आकर अपनी बैंक संबंधी डिटेल या अन्य प्रकार की जानकारी साझा न करें. सावधानी व सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का बेहतर उपाय है.