Betia News: बिना पासपोर्ट एवं वैध कागजात के भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमलेंदु कुमार ने दोषी पाते हुए उसे ढाई वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. उसके ऊपर दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर उसे एक महीना अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
2023 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
सजायाफ़्ता बांग्लादेशी काला मियां नरसिद्धि जिला अंतर्गत दौहरा थाना क्षेत्र के विल वाड़ा गांव में रह रहा था. अपर लोक अभियोजक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि 31 जनवरी 2023 को एसएसबी के सअनि हरेंद्र सिंह ने काला मियां को संदिग्ध स्थिति में पड़कर उसे शिकारपुर थाने के हवाले करते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी. गिरफ्तारी के बाद काला मियां ने बताया था कि वह बांग्लादेशी नागरिक है और वह भारत में विगत पांच माह से बिना पासपोर्ट एवं वैध कागजात के रह रहा है.
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नहीं दे पाया कोई डॉक्यूमेंट
काला मियां के द्वारा किसी तरह का कोई वैद्य कागजात एवं पासपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया. विचारण के दौरान अभियुक्त काला मियां ने कोर्ट से अपने बचाव में सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराने की मांग की थी. इसके पश्चात विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा उसे लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल के द्वारा अपने बचाव हेतु मुफ्त कानूनी सहायता के तहत अधिवक्ता उपलब्ध कराई गई थी.
डिफेंस एडवोकेट डिप्टी चीफ कौशल कुमार झा ने न्यायालय में उसका पक्ष रखा. विचरण तथा सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त को फॉरेनर एक्ट की धारा 14 ए तथा पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 में दोषी पाते हुए उसे यह सजा सुनाई है.
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