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हरहा नदी के दोनों किनारे सजीं पांच चिताएं, माहौल गमगीन मातम

मृतकों को मासूम पुत्र व वृद्ध पिता ने दी मुखाग्नि, आंखों से निकल रहे थे आंसू घाट का माहौल देख शव यात्रा में शामिल लोग भी हुए भावुक , नहीं छिपा पाये आंसू बेतिया/योगापट्टी : बाबा धाम से घर लौटने के दौरान सड़क हादसे में हुई कांवरियों की एक साथ मौत के बाद हरहा नदी […]

मृतकों को मासूम पुत्र व वृद्ध पिता ने दी मुखाग्नि, आंखों से निकल रहे थे आंसू

घाट का माहौल देख शव यात्रा में शामिल लोग भी हुए भावुक , नहीं छिपा पाये आंसू
बेतिया/योगापट्टी : बाबा धाम से घर लौटने के दौरान सड़क हादसे में हुई कांवरियों की एक साथ मौत के बाद हरहा नदी के दोनों किनारे पांच चिताएं सजीं. मृतकों के मासूम बच्चे व उनके पिता आग दिया. इस दौरान घाट पर पूरा माहौल गमगीन हो गया. शव यात्रा में शामिल हुए लोगों के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. मासूम बच्चे अपने पिता को आग देते समय यह भी नहीं जान पा रहे थे, कि वे क्या कर रहे है?
बरबस वे घाट पर मौजूद लोगों का बरबस चेहरा ही निहार रहे थे. जबकि बेटा को आग देने के दौरान वृद्ध पिता के हाथ कांप रहे थे, उनके आंखों से आंसू निकल रहा था. उनके चेहरे पर जवान बेटे के खोने का दर्द साफ स्पष्ट दिख रहा था.
शव आते ही गांव में मचा चित्कार, महिलाएं हो रही थी बेहोश : पीपरहिया गांव में जब सुबह कांवरियों का शव पहुंचा तो गांव में चित्कार मच गयी. महिला हो या पुरुष उनके आंखों से आंसू निकल रहे थे. वहीं जिनके पुत्र या पति की मौत हुई थी, वे महिलाएं दहाड़ मारकर रो रही थीं.
जल चढ़ाने गये पिपरहिया पंचायत के लोगों का जमुई जजिला के चकाई में ट्रक ने रौंद डाला़ जिसमें पांच लोगों की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी़ वहीं आठ लोगों का जख्मी हालत में चल रहा है़ बुधवार की सुबह मृत कॉवरियों का शव जब पिपरहिया गांव पहुंचा तो हजारों की संख्या में लोग चिख पड़े़ प्रखंड के कइ्र जगहों से लोग देखने पहुंचे थे़ वहीं शव आने पर पिपरहिया गांव का दृश्य देख कर कलेजा फटा जा रहा था़ आखिर ऐसा क्यों हुआ़ क्या भगवान इन्ही लोगों के लिए ट्रक भेजे़
कैसे होगा इनके परिजनों का भरण पोषण ऐसी चर्चा लोग कर रहे थे़ मरने वालों में तीन लोग पिपरहिया गांव के और दो लोग सेमरी मन कानी के पांचों लाश एक साथ चार सौ सात गाड़ी से आया़ वहीं मृत शैलेश की नव विवाहित पत्नी शिखा देवी का रो रोकर बुरा हाल था़ दांतत पे दांत लग रहा था़
जबकि शैलेश की मां तो बेहोशी की हालत में थी़ पिपरहिया के शैलेश कुमार पूर्व मुखिया सुरेश बैठा, शिक्षक रामबाबू शर्मा तीनों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था़ इनकी पत्नियां रो रोकर यहीं कहे जा रही थी़ राजा हमरा के छोड़ कहां चल गइल़ हमरा के धोखा काहे देहल अब हम केकरा सहारे जिअब.

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