हरनाटांड़ : कस्तूरबा के वार्डन और रसोइया के बीच विवाद गहराता जा रहा है. इस वजह से बुधवार की सुबह वार्डन को ही छात्राओं के लिए नाश्ता बनाना पड़ा. दरअसल, बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में पिछले एक सप्ताह अनबन चल रहा था.
आपसी रंजिश के कारण बुधवार को रसोइयों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया. छुट्टी की अर्जी देकर तीनों रसोइया गायब हो गयीं. रसोइया सोना देवी, मालती देवी एवं हिरामती देवी का कहना है वार्डन प्रताडि़त करती है. हर बात पर ताना मारती है. वे कहती हैं कि काम करो , मरा कहना मानो, नहीं तो नौकरी जायेगी. तुम लोगों की नौकरी पक्की नहीं है.
जबकि कस्तूरबा विद्यालय के संचालक केदार प्रसाद रजक ने बताया कि चार- पांच दिन पहले रसोइयों ने मेरे पास शिकायत किया था कि वार्डन संगीता देवी रसोइयों को प्रताडि़त कर रही है. गाली- गलौज भी करती है. जब उनकों समझाया गया तो उल्टा संचालक से ही उलझ गयी.
खाना बनवाने से रोका
वार्डन संगीता देवी एवं शिक्षिका सोना कुमारी ने बताया कि बच्चियों से रसोई घर में खाना बनवाया जाता है. जब इसका विरोध किया गया तो रसोइया से कहासुनी हो गयी. छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वार्डन की है. इस लिए मैंने मना किया तो तीनों रसोइया मुझसे ही झगड़ने लगी.
इसको लेकर मैंने उनको समझाया था. लेकिन वे तीनों नहीं मानीं. हालांकि छात्रावास की छात्राओं का कहना है कि कि संगीता मैडम से पहले छात्रावास का सामान्य रूप से संचालन होता था. लेकिन संगीता मैडम के आने के बाद रसोइयां के साथ अक्सर झगड़ा होने लगा.
हमने छोड़ दिया काम
रसोइया मालती देवी ने कहा कि सोनी देवी एवं हीरामति देवी सरकार द्वारा बहाल रसोइयां है. लेकिन मैं पिछले सात साल से 2 हजार मासिक मानदेय पर काम करती हूं. वार्डन अक्सर ताना देती है कि तुम प्राइवेट में बिना पैसा के काम करती हो, इसलिए मैंने काम छोड़ दिया.
बोले संचालक
वार्डन, प्रभारी वार्डन के तौर पर पदस्थापित है. शिकायत मिलने पर समझाया गया. लेकिन वार्डन पर इसका कोई असर नहीं है. वे मुझसे भी झगड़ा करने पर उतारू हो जाती है.
केदार प्रसाद रजक, संचालक
बोलीं वार्डन
तीनों रसोइया अवकाश का आवेदन देकर गयी हैं. रसोइया को नियमानुकूल काम करने को कहा जाता है. इस पर वे नाराज हो जाती हैं.