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मेडिकल कॉलेज :नये सत्र की पढ़ाई पर भी रोक
बेतिया : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) की ओर से बनाये गये मानकों को पूरा नहीं करने पर गवमेर्ंट मेडिकल कॉलेज को करारा झटका लग रहा है. न्यूनतम अंक से भी कम नंबर पर नामांकन को लेकर एमसीआइ ने जहां मेडिकल के 13 छात्रों के नामांकन रद करने की सिफारिश की है. वहीं शिक्षकों, डॉक्टरों और […]
बेतिया : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) की ओर से बनाये गये मानकों को पूरा नहीं करने पर गवमेर्ंट मेडिकल कॉलेज को करारा झटका लग रहा है. न्यूनतम अंक से भी कम नंबर पर नामांकन को लेकर एमसीआइ ने जहां मेडिकल के 13 छात्रों के नामांकन रद करने की सिफारिश की है.
वहीं शिक्षकों, डॉक्टरों और संसाधनों का मानक पूरा नहीं करने पर नया बैच (2015) शुरू करने पर भी आपत्ति जतायी है. एमसीआइ ने अपनी अनुमति देने से इनकार कर दी है. हालांकि गवमेर्ंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में नामांकन पर रोक लगने का यह पहला मामला नहीं है. वर्ष 2014 में भी एमसीआइ ने इस मेडिकल कॉलेज में नामांकन पर रोक लगायी थी.
सरकार ने की थी पहल
बेतिया मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2014 के नामांकन पर रोक लगने के बाद बिहार सरकार ने पहल की थी. एससीआइ के साथ दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद नया बैच शुरू करने पर सहमति तब बनी थी. तब बिहार सरकार और कॉलेज प्रशासन ने जल्द ही मानकों को पूरा कर लेने का आश्वासन एमसीआइ को दी थी.
संसाधनों का अभाव
मेडिकल कॉलेज बेतिया में नया बैच की अनुमति नहीं देने के पीछे सबसे बड़ी वजह संसाधनों की कमी है. कॉलेज में डॉक्टर और शिक्षकों की उपस्थिति महज 45 फीसदी है. कॉलेज के पास अपना भवन भी नहीं है. सदर अस्पताल एमजेके और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन को कब्जे में लेकर कॉलेज पठन-पाठन कर रहा है. छात्र-छात्रओं के रहने के लिए कॉलेज प्रशासन ने सुप्रिया रोड स्थित एक निजी भवन में छात्रवास और लड़कों के लिए दुर्गा बाग मंदिर स्थित पीजी छात्रवास के भवन में बनाया गया है.
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