हाल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल का
बेतिया : गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की लापरवाही कहे या उदासीनता डॉ अरुण कुमार सिंह का अब भी सर्जिकल वार्ड कक्ष पर नाम व मोबाइल नंबर अंकित है.
जबकि उनका निधन करीब दो साल पहले ही हो चुकी है. इसके बावजूद अब तक उनका नाम व नंबर अंकित है. ऐसे में अस्पताल में आये दिन इलाज कराने आये मरीज व उनके परिजनों को गलतफहमी से दो-चार होना पड़ता है. सोमवार को बैरिया के फुलियाखाड़ गांव से आये गांव राजेंद्र यादव जब सर्जिकल वार्ड के समीप पहुंचे व वार्ड पर अंकित चिकित्सक का नाम व मोबाइल नंबर देखकर कॉल लगाने लगे.
तभी आस-पास मौजूद अस्पताल कर्मियों ने उन्हें बताया कि जिस चिकित्सक को कॉल कर रहे हैं, उनका दो साल पहले निधन हो चुका है. उसके बाद राजेंद्र यादव को इलाज के लिए अन्य चिकित्सक के पास लेकर गये. हालांकि इसको लेकर कुछ देर के लिए मरीज व उनके परिजन आश्चर्यचकित रह गये.
वार्ड में अधिकारी से लेकर एमसीआई की टीम भी करती रही है जांच : जीएमसीएच के सर्जिकल वार्ड में अधीक्षक, उपाधीक्षक व प्राचार्य की कौन कहे, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पहुंचते हैं. यहां की व्यवस्था का जायजा लेते हैं. इसी कड़ी में एमसीआई की टीम भी जांच व निरीक्षण को लेकर अस्पताल में पहुंचती है. विभागीय मानकों की जांच करती है. आश्चर्य की बात यह है कि तमाम अधिकारियों के पहुंचने के बाद भी सर्जिकल वार्ड कक्ष पर मृत चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार सिंह का नाम व अंकित मोबाइल नंबर को अब तक नहीं हटाया जा सका है.