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हमने ठाना है, बिहार के लोगों की मदद से पर्यावरण बचाने के िलए बड़ा काम करेंगे

चंपापुर (पश्चिम चंपारण) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पश्चिम चंपारण जिले के चंपापुर गोनौली गांव से जल जीवन हरियाली यात्रा के प्रथम चरण की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने इस गांव में तालाब का मुआयना किया और अधिकारियों को कई सुझाव दिये. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 1032 करोड़ रुपये की 841 योजनाओं का […]

चंपापुर (पश्चिम चंपारण) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पश्चिम चंपारण जिले के चंपापुर गोनौली गांव से जल जीवन हरियाली यात्रा के प्रथम चरण की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने इस गांव में तालाब का मुआयना किया और अधिकारियों को कई सुझाव दिये. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 1032 करोड़ रुपये की 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं िशलान्यास िकया.

जल जीवन हरियाली अभियान के तहत गांव में आयोजित जागरूकता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय को देखते हुए आज पर्यावरण संरक्षण बेहद ही जरूरी हो गया है. जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है. इसे झेल रहे हैं, भुगत रहे हैं, लेकिन पर्यावरण के प्रति सजग नहीं हो रहे हैं.
हमने अब ठाना है कि इसे ठीक करेंगे और बिहारके सभी लोगों की सहभागिता से जलवायु परिवर्तन पर बड़ा काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए इस बात का अनुसंधान चल रहा है कि जलवायु के हिसाब से इलाकावार खेती कैसे की जाये. यह जरूरी नहीं कि परंपरागत फसलों पर ही किसानों की निर्भरता हो. अगर ऐसा ही होता रहा तो अपेक्षित लाभ नहीं मिल पायेगा.
राज्य सरकार इस अनुसंधान में जुटी है कि जलवायु के हिसाब से जिस क्षेत्र में जो फसल ज्यादा अच्छी हो उसी की उपज किसानों द्वारा की जाये, ताकि किसान अधिक लाभान्वित हो सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी मिशन मोड में शुरू किया जायेगा, ताकि जो जल नालियों में बह जाता है वह भूमिगत जल के रूप में परिवर्तित हो सके. भूमिगत जल का स्तर बढ़े, इसके लिए सरकारी भवनों, कुंओं के किनारे सोख्ता का निर्माण कराया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान रिमोट के द्वारा 38.81 करोड़ की 98 योजनाओं का उद्घाटन व 993.35 करोड़ की 743 योजनाओं का शिलान्यास भी किया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हम अपनी हर यात्रा की शुरुआत चंपारण से करते हैं. कुछ दिन पहले मैनाटांड आये थे. वहां जल जीवन हरियाली यात्रा की घोषणा किये थे. उसी के तहत हम आज यहां आये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले मॉनसून 15 जून तक आ जाता था. अब वर्षा का कोई समय नहीं रह गया है. कहीं बाढ़ है, तो कहीं सुखाड़ है. अजीब संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. 2007 में बाढ़ के दौरान बिहार के 21 जिले और ढाई करोड़ की आबादी प्रभावित हुई थी. इसके बाद हमने आपदा प्रबंधन पर काम शुरू किया. इससे पहले आपदा प्रबंधन पर काम नहीं होता था. पहले जहां 1200 से 1500 एमएम बारिश होती थी. वह अब घटकर औसत 900 एमएम हो गयी है. भू-जल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है. दक्षिण बिहार में यह समस्या पहले थी, लेकिन अब उत्तर बिहार और मिथिला में भी यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
सीएम ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने पर यहां हरित आवरण महज नौ फीसदी रह गया था. 2012 में हमने हरियाली मिशन की शुरुआत की और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा. 19 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं. हरित आवरण 15 फीसदी हो गया है. इसे और बढ़ाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जुलाई को विधानसभा व विधानमंडल के सभी सदस्यों के साथ बैठक हुई. निर्णय हुआ कि जल जीवन हरियाली अभियान चलाया जाएगा. जल और हरियाली में बीच में ‘जीवन’ को इसलिए रखा गया है. क्योंकि जल और हरियाली रहेगा, तभी जीवन संभव है. मनुष्य ही नहीं जीव जंतुओं के लिए भी यह जरूरी है. इसके लिए बिहार में तालाब, पोखर, आहर, पईन को अतिक्रमणमुक्त कर इसका जीर्णोद्धार किया जायेगा. सोख्ता का निर्माण होगा. पौधारोपण भी कराया जा रहा है.
मंच पर सीएम के साथ खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, वाल्मीकिनर सांसद वैद्यनाथ महतो, विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह, भागीरथी देवी, विनय बिहार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, सचिव चंचल कुमार व अन्य मौजूद रहे.
19 जनवरी को मानव शृंखला. सीएम ने कहा कि जल जीवन हरियाली के समर्थन में 19 जनवरी को पूरे बिहार में मानव शृंखला बनाया जायेगा. उन्होंने लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की. कहा कि आप की सहभागिता होगी तो इसकी चर्चा पूरे विश्व में होगी. बिहार की इस पहल को पूरा देश अपनाएगा.

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