बेतिया : गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके सदर हॉस्पिटल में मंगलवार को घायल बस चालक की मौत पर हंगामे के बाद जूनियर डॉक्टरों (इंटर्न) ने हॉस्पिटल की इमरजेंसी सेवा ठप कर दी. इससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनोद प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. श्रीकांत दूबे मौके पर […]
बेतिया : गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके सदर हॉस्पिटल में मंगलवार को घायल बस चालक की मौत पर हंगामे के बाद जूनियर डॉक्टरों (इंटर्न) ने हॉस्पिटल की इमरजेंसी सेवा ठप कर दी. इससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई.
आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनोद प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. श्रीकांत दूबे मौके पर पहुंचकर जूनियर चिकित्सकों को मनाने की कोशिश की, लेकिन सभी डीएम को बुलाने की मांग पर अड़ गये. सूचना मिलते ही एसडीएम विद्यानाथ पासवान हॉस्पिटल पहुंचे और समझा-बुझाकर इमरजेंसीसेवा शुरू कराई. इस दौरान सुबह के 11.30 बजे से दोपहर के 1.30 बजे यानी तीन घंटे इमरजेंसी सेवा ठप रही.
जूनियर डॉक्टर मरीज के परिजनों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर खुद की सुरक्षा की मांग पर अड़े थे. उनका कहना था कि घायल व्यक्ति को नरकटियागंज से रेफर किया गया था, जिसे यहां आने पर मृत घोषित किया गया.
इस पर परिजन भड़क गये और डॉक्टर से मारपीट पर उतारू हो गये. वहीं परिजनों ने डॉक्टरों पर उनसे बदसलूकी करने व इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इस मामले में मृत बस चालक सिरसिया जोगिया टोला तुरहापट्टी निवासी मनोज तिवारी के पुत्र बंटू तिवारी ने थाना में शिकायत भी दर्ज कराई है. बंटू के मुताबिक, मंगलवार की सुबह उसे बस मालिक द्वारा सूचना मिली कि उसके पिता मनोज तिवारी दुर्घटना में घायल हो गये है. बस मालिक से इसे बताया कि उसके पिता बस की छत पर सो रहे थे.
इसी दौरान गौनाहा स्टेशन के समीप वें छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए. सूचना मिलते ही वह अपनी मां के साथ नरकटियागंज अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए मेडिकल कॉलेज बेतिया रेफर कर दिया. जहां इलाज के दौरान उसके पिता की मौत हो गई. उसने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इधर, पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. मामले में पुलिस बयान दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है.