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बेतिया : चीन की पैंतरेबाजी से तस्करों के निशाने पर वीटीआर
गणेश वर्मा बेतिया : चीन की पैंतरेबाजी से एक बार वन्य जीवों की तस्करी की आशंका बढ़ गयी है. चीन ने लुप्त होने का खतरा झेल रहे बाघ और गैंडों के अंगों के प्रयोग पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. औषधीय इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है. इससे एक बार फिर दुर्लभ श्रेणी […]
गणेश वर्मा
बेतिया : चीन की पैंतरेबाजी से एक बार वन्य जीवों की तस्करी की आशंका बढ़ गयी है. चीन ने लुप्त होने का खतरा झेल रहे बाघ और गैंडों के अंगों के प्रयोग पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. औषधीय इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है.
इससे एक बार फिर दुर्लभ श्रेणी के वन्य जीवों के शिकार की आशंका बढ़ गयी है. इससे चीन, नेपाल व भारत में वन्यजीव तस्करों का नेटवर्क देख इंटरपोल ने वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अलावा वन विभाग के उच्च अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है.
1993 में चीन ने बाघ और गैंडों के अवैध व्यापार पर लगाम लगाने व वन्य जीवों के संरक्षण पर काम करनेवाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों के दबाव के चलते इनके अंगों के औषधि प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया था. 25 साल बाद फिर से चीन से इससे प्रतिबंध हटा लिया है. इससे बाघ, तेंदुआ व गैंडा की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है. इससे तस्करी के लिए सर्वाधिक संवेदनशील वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व व नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से बाघ व गैंडाें की तस्करी की आशंका बढ़ गयी है.
कारण कि इन संरक्षित वन क्षेत्रों में गैंडा व टाइगर पाये जाते हैं. इलाका खुला होने से अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार के लिए भारत-नेपाल बॉर्डर तस्करों का मुफीद रूट है. आये दिन वीटीआर से बाघों के शिकार के मामले आते हैं. बीते दिनों एक बड़ा गिरोह भी पकड़ा गया था. अब एक बार फिर चीन की पैंतरेबाजी के बाद इंटरपोल की ओर से जारी अलर्ट से वन विभाग के साथ सुरक्षा एजेंसियां भी वन तस्करों की निगरानी शुरू कर दी है.
अंतरराष्ट्रीय तस्करी में टॉप थ्री में है वन्य जीवों के अंगों की तस्करी
जानकर ताज्जुब होगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली तस्करियों में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी तीसरे नंबर पर है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने पर वन्य जीवों के अंगों की तस्करी होती होगी? सूत्रों की मानें तो चीन की ओर से प्रतिबंध हटाये जाने के बाद वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने वन विभाग, पुलिस व एसएसबी से वन्यजीवों के शिकार के मामले में दर्ज सूचना साझा करने को कहा है. इन सूचनाओं को वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो राज्य सरकार को सौंपने की तैयारी में है.
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