व्यवसायी: वाकई मेरे साथ की गयी लूट
संदेह. सवालों के घेरे में लूट, नोट डबलिंग व बरामदगी के मामले !
बेतिया : यूं तो शहर के क्रिश्चन क्वार्टर निवासी आभूषण व्यवसायी नरेंद्र गुप्ता से हुई लूटकांड के मामले को पुलिस एक तरफ सुलझाने की दावा कर रही है. जबकि दूसरी ओर मामला सुलझने की जगह उलझता ही जा रहा है. पुलिस दावे के अनुसार नोट डबलिंग के चक्कर में आभूषण व्यवसायी लूट का शिकार हुआ था. जबकि आभूषण व्यवसायी लूटकांड के अपने बयान पर अब भी कायम है.
इसलिए लूट, नोट डबलिंग, बरामदगी व अपराधियों की गिरफ्तारी का मामला कई सवालों के घेरे में आ गया है! पुलिस का कहना है कि पैंथर मोबाइल के जवानों की निशानदेही के आधार पर ही लाइनर की भूमिका निभागने वाले सत्येंद्र पांडेय व एक अन्य अपराधी पुरूषोत्तम पांडेय की गिरफ्तारी हुई है. साथ ही घटना के दिन बाइक पुरूषोत्तम के चलाने की बात कही जा रही है. उस पर आरोप है कि वह व्यवसायी के पैसों से भरा बैग लेकर फरार हो गया था. जबकि पुरूषोत्तम पैसों से भरा बैग लेकर फरार हुआ, तो आखिर मौके पर मौजूद पैंथर मोबाइल के जवान वहां क्या कर रहे थे? जवानों ने आखिर किस कारण बैग लेकर भाग रहे पुरूषोत्तम को पकड़ने की कोशिश नहीं की.
बाइक का कागजात जांचने की बात कहकर पैंथर मोबाइल का जवान जितेन्द्र पंडित अपने एक अन्य साथ के साथ लेकर बाजाज के शो-रूम में गया. कागजात की पुष्टि हो जाने के बाद व्यवसायी को जवान छोड़कर चलते बने. इतना ही नहीं जब दो जवान व्यवसायी को शो-रूम ले गए तो दो अन्य जवान उस समय कहां गए? इस बात को बताने से पुलिस के वरीय अधिकारी आखिर क्यों बचते रहे. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन के आधार पर भी पुलिस अपराधियों के करीब पहुंचने की भी बात कह रही है.
लेकिन यह बताने से परहेज कर रही है कि 17 मई यानि लूटकांड के दिन हुए इस वारदात की सूचना पैंथर मोबाइल के जवानों ने अपने वरीय पदाधिकारियों को क्यों नहीं दी? तीन के दिनों के बाद व्यवसायी नरेंद्र की शिकायत के बाद मामले की खुलासा हुआ. उसके बाद पुलिस व्यवसायी को ही संदेह से देखने लगी है. पुलिस का कहना है कि अगर लूटकांड सत्य होता तो वह घटना के दिन ही जानकारी देता. लेकिन पुलिस यह नहीं बता रही है कि अगर व्यवसायी ने इसकी सूचना नहीं दी तो पुलिस के पैंथर मोबाइल के जवानों ने सूचना को इतने दिनों तक क्यों दबाये रखा?
आम लोगों में बहस का विषय तो यह कि यदि यह नोट डबलिंग का ही मामला था तो उस समय व्यवसायी को क्यों छोड़ा गया. इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है. हद तो यह कि बिना व्यवसायी की उपस्थिति में पुलिस कर्मी ने लूटे गए बैग को पहचाने का भी दावा कैसे कर दिया. ऐसे कई सवाल हवा में तैर रहे हैं. बहरहाल एसपी जयंतकांत इस मामले में गंभीरता पूर्वक जांच व समुचित कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं, जांच रिपोर्ट आते ही इसमें कार्रवाई की जायेगी. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा.
क्या है मामला
17 मई शहर के सुप्रिया रोड बिशप हाउस के समीप से व्यवसायी नरेंद्र गुप्ता के आभूषण की लूट हुई थी. इस समय वह अपने बेटे के साथ बाइक से घर आ रहे थे. रास्ते से बिशप हाउस के समीप पांच वर्दीधारियों ने बाइक जांच के नाम पर रोक इनके आभूषण लूट लिये थे. इस मामले में व्यवसायी ने नगर थाना में आवेदन दिया था. जिसपर पुलिस जांच में जुटी थी. इधर, रविवार की शाम एसपी ने चार जवानों को इस मामले में सस्पेंड कर दिया.
