Bihar News: पूर्वी चंपारण जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत एक विशेष योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई का लाभ देना है. इस योजना के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा प्रदान की जा रही है. इस अभियान के तहत बच्चों के नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाई गई. दो चरणों में कुल 1116 अभिभावकों ने जिले के 373 प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों के नामांकन के लिए आवेदन किया. इसके बाद विभागीय जांच की गई, जिसमें 1109 बच्चों को नामांकन के लिए योग्य पाया गया.
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मिलेगा लाभ
योग्य पाए गए बच्चों के पेरेंट्स को ऑनलाइन ही स्कूलों की ओर से अलर्ट संदेश भेजे गए ताकि वे समय पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर सकें. इस योजना के जरिए सरकार उन बच्चों तक शिक्षा का लाभ पहुंचाना चाहती है जो आर्थिक कठिनाइयों के चलते निजी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं कर पाते थे. इससे बच्चों के बेहतर भविष्य की राह आसान होगी.
क्या है शिक्षा अधिकार अधिनियम
अधिनियम सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करता है, और निजी स्कूलों में कम से कम 25% सीटों पर वंचित समूहों के बच्चों को बिना किसी शुल्क के दाखिला देना अनिवार्य करता है. यह कानून बच्चों के लिए स्कूल में प्रवेश, बराबरी का अवसर, शिक्षा, और भेदभाव से बचाव सुनिश्चित करता है. साथ ही, सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जरूरी संसाधन, प्रशिक्षित शिक्षक और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराए ताकि हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. इस कानून के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को स्कूल में पढ़ाई का अधिकार मिलता है.
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