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खाली पड़े थे टेंट, जर्जर भवन में ठहरे कांवरिये

अरेराज : धर्मशाला को खतरनाक घोषित पहले किया जा चुका था, पर कांवरियों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी. धर्मशाला पर ऐसा कोई बाेर्ड नहीं लगा था, जिससे की कांवरिया सचेत हो जाते. अगर जानकारी होती, तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता. प्रशासन की ओर से बनाये गये पड़ाव स्थल पर न जाकर […]

अरेराज : धर्मशाला को खतरनाक घोषित पहले किया जा चुका था, पर कांवरियों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी. धर्मशाला पर ऐसा कोई बाेर्ड नहीं लगा था, जिससे की कांवरिया सचेत हो जाते. अगर जानकारी होती, तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता. प्रशासन की ओर से बनाये गये पड़ाव स्थल पर न जाकर यहां ठहरना इनके िलए महंगा पड़ गया.

अरेराज में देर रात धर्मशाला की छत गिरने से 23 लोग घायल हुए थे. घायलों का मोतिहारी के अलावा पटना के अस्पताल में इलाज चल रहा है. पटना में दो, मोतिहारी में पांच व अरेराज में 12 लोगों का इलाज चल रहा है. इधर, प्रशासन की ओर से कांवरियों के
खाली पड़े थे…
िलए 11 जगहों पर पड़ाव स्थल बनाये
गये थे. लेकिन, पड़ाव स्थल यूं ही खाली पड़े रहे गये और धर्मशाला में लोग आकर ठहरने लगे. प्रशासन की ओर से इस धर्मशाला में ठहरने पर पिछले 10 साल से रोक लगी हुई थी. हालांकि, इसकी सूचना कहीं से भी नहीं दी गयी थी. मौके पर न कोई बोर्ड था न ही कोई बतानेवाला. घटना के बाद मंगलवार को डीएम अनुपम कुमार के निर्देश पर एसडीओ विजय कुमार पांडेय ने धर्मशाला के चारों ओर लाल िरबन से घेराबंदी करवा कर दी.
साथ ही इस जगह पर दंडाधिकारी की नियुक्ति की गयी है. मौके पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है. इस भवन को पूरी तरह से ध्वस्त करने का डीएम ने निर्देश दिया है.

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