रक्सौल : नेपाल में मधेसियों के अधिकार के लिए आंदोलन कर रही संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा के द्वारा नेपाल सरकार के द्वारा वार्ता के लिए दिये गये प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए मधेसी मोर्चा के द्वारा आंदोलन की घोषणा करने की तैयारी की जा रही है. यहां बता दें कि मधेसी मोर्चा ने सरकार को चैत माह तक का समय दिया था. अल्टिमेंटन समाप्त होने की पूर्व की संध्या नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश के नाम अपने संबोधन में मधेशी मोर्चा से वार्ता में आने आह्वान किया था. लेकिन मधेसी मोर्चा के नेताओं ने कहा कि वार्ता का सरकार से कोई औचित्य नहीं है.
संघीय समाजवादी फोरम के नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की बात को कोई अहमियत नहीं है. वार्ता के आह्वान का क्या अर्थ है. एक बार नहीं 35 बार से अधिक मधेसी मोर्चा सरकार के साथ बैठक कर चुकी है और कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो क्या इस बार की बैठक में निर्णय हो पायेगा. सद्भावना पार्टी महासचिव मनीष सुमन ने बताया कि मोर्चा सहित के संघीय गंठबंधन की बैठक गुरुवार को होगी. इसमें आगामी आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की जायेगी.
मोर्चा के नेताओं के अनुसार मोर्चा के द्वारा पूरे एक माह तक दबावमुलक आंदोलन किया जायेगा, इसके बाद अगले माह से काठमांडू स्थित सिंहदरबार केंद्रीत आंदोलन किया जायेगा. यहां बता दें कि विगत में मधेसी मोर्चा के द्वारा नेपाल के संविधान में अपने हक व अधिकार के लिए करीब छह माह तक आंदोलन किया गया था. इस दौरान करीब पांच माह तक मधेसी मोर्चा के द्वारा भारत-नेपाल सीमा की आर्थिक नाकेबंदी भी की गयी थी.