मधुबन(पूचं) : चिकित्सक रंजीत कुमार व बहुआराभान गांव के बच्चालाल प्रसाद के पुत्र मुजफ्फरपुर के प्रशांत मेमोरियल का कंपाउंडर विनय कुमार है. जिनके मौत की सूचना पर तीनों परिवारों व गांव में कोहराम मच गया. तीनों एक ही बाइक पर सवार थे. मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद तीनों का शव उनके पैतृक गांव पहुंचने पर चारो तरफ चीख पुकार मच गयी. तीनों मृतक आपस में साले बहनोई थे.
कदमा के संजीत मुजफ्फरपुर में चलाता है सिल्वर पत्तल उद्योग. कदमा गांव के संपन्न किसान रायबहादुर सिंह का पुत्र 32 वर्षीय संजीत मुजफ्फरपुर में अपना पत्तल
उद्योग चलता था. जो अपने परिवार के साथ शहर में रहकर व्यापार करता था. जिसकी पत्नी बबिता देवी भी अपने तीन बच्चों सोहानी कुमारी 11 वर्ष, आदर्श कुमार 8 वर्ष व आयुष्मान कुमार 3 वर्ष के साथ शहर में रहती था. दुर्घटना में मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है.
मृतक पत्नी सबिता व परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. गांव में शव पहुंचते ही चीख पुकार मच गयी.गोसाईपुर का रंजीत गांव में ही था ग्रामीण चिकित्सक. दुलमा पंचायत के जीतौरा टोला गोसाईपुर के बच्चाबाबू प्रसाद का पुत्र रंजीत गांव में ही ग्रामीण चिकित्सक का कार्य कर परिवार का भरण पोषण करता था. जिसकी पत्नी सुनैना देवी व मां आशा देवी का रो रोकर बुरा हाल है. रंजीत को दो संतान विवेक 10 साल व आशिक 8 साल का है. जिसके पिता साधारण किसान है.घर पर शव पहुंचते ही कोहराम मच गया.
बहुआराभान का विनय मुजफ्फरपुर में प्रशांत मेमोरियल करता था कंपाउंडर का काम. बहुआराभान गांव के बच्चालाल प्रसाद का पुत्र विनय मुजफ्फरपुर शहर के ही प्रशांत मेमोरियल में कंपाउंडर का काम करके भरण करता था. विनय के पिता एक साधारण किसान है. विनय दो भाईयों में बड़ा था. मंगलवार को मुजफ्फरपुर से पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचते परिवार में कोहराम मच गया.
मौत से तीन घरों की छीन गयीं खुशियां. बारात से समय से लौटने की बात कहकर गये तीनों की मौत की सूचना पर तीनों रिश्तेदारों के घर में मातम फैल गया. तीनों मृतक आपस में रिश्तेदार ही थे. घटना के बाद से तीनों घरों में मातम का माहौल है.घर शुभचिंतकों व रिश्तेदार पहुंच रहे थे. घर की महिलाओं के चीख पुकार से माहौल पूरी तरह गमगीन था. मंगलवार को शव पहुंचने पर तीनों का अंतिम संस्कार उनके गांवों में किया गया.