13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मधुमक्खियों की जान ले रही कड़ाके की ठंड

मोतिहारी : भीषण ठंड का कहर अब मधुमक्खियों पर भी दिखने लगा है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मधुमक्खियों की मौत हो रही है. इससे मधुपालक परेशान हैं. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि मधुमक्खी को भोजन की तलाश में निकलने के लिए कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस तापमान होना जरूरी है. इधर ठंड के […]

मोतिहारी : भीषण ठंड का कहर अब मधुमक्खियों पर भी दिखने लगा है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मधुमक्खियों की मौत हो रही है. इससे मधुपालक परेशान हैं. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि मधुमक्खी को भोजन की तलाश में निकलने के लिए कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस तापमान होना जरूरी है. इधर ठंड के चलते तापमान में लगातार गिरावट आ रही है.

मेहसी बथना के बाल कुमार भगत बताते हैं कि पहले 150 बॉक्स में मधु पाल कर 500 टीन (प्रति टीन 15 लीटर) शहद निकाल रहे थे. अब यह संख्या 80 बॉक्स ही रह गयी है. ओमप्रकाश कहते हैं कि बॉक्स को दूसरे प्रदेश में भेजने पर वहां के लोग रंगदारी मांगते हैं. मुजफ्फरपुर के बाद मेहसी, चकिया व मधुबन में सर्वाधिक करीब 500 मधुपालक परिवार हैं.

बताया जाता है कि धूप नहीं निकलने के कारण ठंड में जो मधुमक्खियां निकलती हैं, वह लौट कर नहीं आती हैं. एक पखवाड़े से मरने का क्रम तेज हुआ है. कुछ मधुमक्खी छटपटाती हैं, जिन्हें साथी मधुमक्खी उड़ाने का प्रयास करती हैं. इस दौरान साथी मधुमक्खियां भी दम तोड़ देती हैं. ठंड में बॉक्स से निकलने वाली 100 में करीब 30 प्रतिशत मधुमक्खियां मर जाती हैं.

भोजन के रूप में किसान बॉक्स मेंअभी चीनी का घोल दे रहे हैं, जो कारगर साबित नहीं हो रहा है. मधुपालक बॉक्स को बोरा व प्लास्टिक से ढंक रहे हैं, जो 100 प्रतिशत कारगर साबित नहीं हो रहा है. पूर्वी चंपारण में करीब दो हजार टन शहद का उत्पादन होता है.

पंजाब व झारखंड से आते हैं मधुपालक

मधुबन-मेहसी लीची के बागों के लिए मशहूर है. करुअइनी की लीची का शहद भी बेहतर होता है. इसको लेकर मार्च-अप्रैल में मंजर के समय पंजाब, झारखंड व छत्तीसगढ़ के 10 हजार मधुपालक यहां बॉक्स लेकर आते हैं. बॉक्स को लीची के बाग में रखते हैं. मंजर खत्म होने के बाद चले जाते हैं. किसान श्री भगत कहते हैं कि मधुमक्खी जब रस चूस लेती हैं, तो फल कमजोर हो जाता है. ऐसे में किसान बॉक्स नहीं लगाने देने को गोलबंद हो रहे हैं.

नहीं मिलती है वाजिब कीमत

मधुपालक बताते हैं कि शहद की समान्य दर 80 रुपये किलो है, जिसे प्रोसेसिंग कर 150-180 रुपये प्रतिकिलो बेचा जाता है. सबके पास यह सुविधा नहीं है, जिसके कारण बिचौलिया इसका लाभ लेते हैं. श्री भगत कहते हैं कि विदेश के व्यापारी शहद के लिए आते हैं, जिन्हें बिचौलिया मुजफ्फरपुर के होटलों में ठहरा कर किसानों से शहद लेकर आपूर्ति करते हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel