मोतिहारी : पुलिस पर पिस्टल तान फरार शातिर गोविंदा की उम्र संबंधी रिपोर्ट ने नया मोड़ ले लिया है. रिपोर्ट में 27 साल के गोविंदा को 17 साल बताया गया है. डाक्टरों का कहना है कि एक्स-रे प्लेट बदल दिया गया है, जिस पर हमलोगों ने मंतव्य दिया था वह रिकाॅर्ड से गायब है और उसके स्थान पर दूसरा एक्स-रे प्लेट लगा दिया गया है. मंगलवार को चिकित्सकों की बैठक में यह बात खुलकर सामने आयी और चिकित्सकों ने संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.
चिकित्सकों के अनुसार इस खेल में दो लाख रुपये का लेन-देन भी हुआ है, जो जांच का विषय है. सिविल सर्जन डाॅ रिजवान अहमद ने कहा कि दोषी कर्मचारियों पर हार हाल में कार्रवाई होगी, इसके लिए टीम गठित कर बिंदुवार जांच करायी जायेगी. यहां बता दे कि मुफस्सिल थाना के भटहां के गोविंदा सहनी ने खुद को नाबालिग बताते हुए कोर्ट में अर्जी दी थी.
कोर्ट के आदेश पर उम्र सत्यापन को लेकर मेडिकल बोर्ड गठित की गयी, जिसमें टीम के अधिकारी तत्कालीन सीएस डाॅ केएन गुप्ता, डीएस डाॅ मनोज कुमार, डाॅ अनिल कुमार सिन्हा व डाॅ मनोज कुमार सिंह ने रिपोर्ट में शातिर का उम्र 17 साल दे दिया था, जबकि पुलिस 27 साल बता रही थी.
ऐसे में सवाल उठता है कि 10 साल का अंतर कैसे हो गया, जब उसे कोर्ट में उपस्थित कराया गया तो कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड पर सवाल उठाते हुये कहा कि वह नाबालिग नहीं है. उसके बाद सजा की भनक लगते गोविंदा सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी पर उत्पाद कार्यालय के पास से पिस्टल तान भाग गया.
सदर अस्पताल में उम्र फर्जीवाड़े का खेल नया नहीं है. इस खबर को प्रभात खबर ने 24 नवंबर के अंक में पेज वन व छह पर प्राथमिकता से छापी थी. इसको सीएस ने गंभीरता से लेते हुए बैठक में मुद्दे को उठाया और जांच टीम गठित की है.