मोतिहारी : शहर के नरसिंह बाबा मंदिर प्रांगण में मानस सत्संग समिति द्वारा आयोजित 48वें मानस महायज्ञ व श्रीरामकथा के छठे दिन आचार्य यज्ञेश मिश्र ने प्रवचन के दौरान कहा कि मनुष्य के भाग्य की रेखा बदली नहीं जा सकती लेकिन गुरु कृपा से उसमें मोड़ लाया जा सकता है. गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन्म-मरण, सुख-दुख, मिलन-बिछड़ना काल की गति से संचालित होता है.
किंतु सारी परिस्थितियों के बीच संतुलन के साथ जीने की कला गुरु की सिखाते है. कहा कि जो लोग गुरु के चरण रज को मस्तक पर धारण करते है वे मानों समस्त ऐश्वर्य को अपने वश में कर लेते है.
उदाहरण देते हुए कहा कि तीनों काल व लोक में बड़भागी माने जानेवाले राजा दशरथ भी प्रत्येक कार्य गुरु की आज्ञा के बाद करते थे. मंच संचालन प्रो रामनिरंजन पांडेय ने किया. इस मौके पर अध्यक्ष डा शोभाकांत चौधरी, कामेश्वर सिंह विराना, अवधकिशोर द्विवेदी, रामएकबाल ठाकुर, प्रभुशरण प्रसाद, ठाकुर साह, हरिकांत चौधरी, सुशील कुमार पांडेय, विभाष रंजन पांडेय सहित अन्य मौजूद थे.