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दिल्ली जाने वाली बसों की हो रही तलाश

मोतिहारी : बस हादसे के बाद परिवहन विभाग हरकत में आ गया है. गाड़ियों की धर-पकड़ व जांच तेज कर दी गयी है. इस दौरान प्रशासन ने शुक्रवार को 26 बसों को जब्त किया है. परिवहन विभाग के अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों में कैंप करते रहे और वाहनों की जांच करते रहे. दिल्ली जाने वाली यात्री […]

मोतिहारी : बस हादसे के बाद परिवहन विभाग हरकत में आ गया है. गाड़ियों की धर-पकड़ व जांच तेज कर दी गयी है. इस दौरान प्रशासन ने शुक्रवार को 26 बसों को जब्त किया है. परिवहन विभाग के अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों में कैंप करते रहे और वाहनों की जांच करते रहे. दिल्ली जाने वाली यात्री बसों पर विशेष नजर रही.
इस दौरान एक यात्री बस पकड़ी गयी है जिसकी कागजात की जांच की जा रही है. जिला परिवहन पदाधिकारी दिलीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि यात्रियों को बैठाने से लेकर अन्य निर्धारित मापदंडों की जांच की जा रही है.
सभी गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाने का निर्देश : श्री अग्रवाल ने बताया कि हादसे पर नियंत्रण के लिए सभी गाड़ियों में स्पीड गवर्नर लगाने का निर्देश दिया गया है. स्कूली बसों के लिए चालीस किलोमीटर प्रति घंटा व एनएच पर चलने वाली गाड़ियों व बसों में 60 व 80 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गयी है.
उन्होंने कहा कि जिला परिवहन कार्यालय में कोई रिकाॅर्ड नहीं है. गाड़ियों के परिचालन की परमिट मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार से निर्गत होता है. जिला परिवहन विभाग को केवल जांच करने व कमी पाये जाने पर कार्रवाई करने का अधिकार है. इस लिए केवल जांच की जाती है और कागजात में कमी पाये जाने पर कार्रवाई की जाती है.
बाहर जाने वाली 26 बसें अब तक हो चुकी हैं जब्त : बाहर जाने वाली यात्री बसों पर पूर्व से ही नजर रखी जा रही है. कागजात में कमी पाये जाने पर फाइन किया जा चुका है. आगे भी यह अभियान जारी रहेगा और इसके लिए कई एहतियाती कदम उठाये जा चुके हैं.
परिवहन विभाग के नियमों का होता है उल्लंघन
सिकरहना. ढाका से दिल्ली एवं सिलीगुड़ी के लिए प्रतिदिन करीब आधा दर्जन बसें खुलती हैं. लेकिन बसों में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है. वातानुकूलित होने के कारण खिड़की पारदर्शी शीशा से एयर टाइट किया गया होता है. यात्रियों को आपातकालीन दरवाजे की जानकारी भी नहीं दी जाती. गुरुवार को दिल्ली जाने वाली बस के कोटवा के समीप दुर्घटनाग्रस्त होने से शुक्रवार को यहां से दिल्ली जाने वाली कई बसें नहीं खुलीं. यात्री मुकुलचंद, अनिल कुमार, सत्यम कुमार ने बताया कि कल की घटना को देखते हुए बस से यात्रा करने में अब डर लगने लगा है.
हादसे के बाद जांच में नहीं मिला कोई शव
डुमरियाघाट. शाहिल राज ट्रेवल्स बस में बेलवा माधो के पास आग लगने की घटना व यात्रियों के जलने की बात को ले तकनीकी व अन्य टीमों ने घटनास्थल पहुंच जांच की. एक टीम गुरुवार की रात ही पहुंच गयी थी. शेष अन्य टीमें सुबह पहुंची. जांच के बाद कोई साक्ष्य न मिलने से स्पष्ट हो गया कि कोई यात्री हताहत नहीं हुए हैं. फॉरेंसिक व एनडीआरएफ की टीम पटना एवं एसडीआरएफ की हाजीपुर तथा सीतामढ़ी से टीम पहुंची थी. तीनों टीम में 48 पदाधिकारी एवं जवान शामिल थे. एनडीआरएफ के जवानों की एक शार्प टीम द्वारा भी अपने तरीके से शवों की तलाश की गई लेकिन किसी भी टीम को शव का कोई अवशेष नहीं मिल सका. टीम के सदस्यों द्वारा कई बार बस पलटने की जगह पानी से भरे गड्ढे में उतर कर शव की तलाश की जाती रही. एनडीआरएफ के सब कमांडेंट कृष्णा पद बराई ने बताया कि जवानों द्वारा बारीकी से खोजबीन की गयी लेकिन कुछ नहीं मिला. एसडीआरएफ सीतामढ़ी टीम के इंस्पेक्टर एसएन पांडेय ने बताया कि गोताखोर सदस्यों द्वारा घंटों तक पानी में तलाशी अभियान चलाया गया लेकिन कोई शव नहीं मिला.
जांच टीम साथ में ले गये कई नमूने
जांच टीम के अधिकारी जले बस के अंदर व आसपास से कई सामान को बरामद किये हैं. जिसे वे जांच के लिए भी ले गये. सामान में यात्रियों के जले कपड़े, कागज के टुकड़े, प्लास्टिक के बोतल, बस का जला फोम, कप-प्लेट, पानी बोतल व जला फैन शामिल है. जांच के बाद रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौपेंगे.
जला आधार व पैन मिला
कोटवा(मोतिहारी). घटनास्थल बेलवा माधो से खोजबीन के क्रम में जांच टीम को यात्रियों के जले आधार कार्ड भी मिले. जांच के समय उमड़ी भीड़ यह भी सवाल उठा रही थी कि जब आधार कार्ड का जला भाग मिल सकता है तो यात्रि जले होते तो उनके अवशेष जरूर मिलते. जो आधार व अन्य कागजात मिले है उसमें गीता देवी आधार नंबर 595843135494 पता वेस्ट कराबल नगर उतरी पूर्वी दिल्ली, पति का नाम तेजबहादुर सिंह, गली नंबर सी 355 उल्लेख है. इसके अलावे सुनिता गुप्ता आधार नंब 690940925043 उल्लेख है. सुनिता पति संतोष पैन कार्ड नंबर ए डब्लू एक्स 3756277, पिनकोर्ड 201102 गाजियाबाद उल्लेख है. मो. आबिद आधार नंबर 740963809441 उल्लेख है. जला हुआ बस सड़क किनारे खड़ी है. जो लोगों के लिए तमाशा बन गया है. जले बस में शाम तक लोग शव के अवशेष ढूंढते नजर आये लेकिन कोई अवशेष मिला और न ही कोई परिजन किसी को ढूंढने आये. स्थानीय लोगों ने बताया कि यात्रियों के आधार व पैन नंबर हो सकते हैं या अपने कुछ लोग अपने रिश्तेदारों का आधार पर पैन रखते है जो आग लगने के दौरान जल गया होगा.
तीन लोगों की जा चुकी है जान
सिकरहना. अनुमंडल मुख्यालय ढाका से दिल्ली व दिल्ली से ढाका आनेवाली बस में यात्रियों को सुविधाएं तो नहीं मिलती लेकिन मौत जरूर मिलती है. उक्त बातें कोटवा की घटना के बाद मौत को नजरों से देख चुके गुरहनवा के बसरूद्दीन आलम ने कही. उन्होंने कहा कि पत्नी नजदा खातून, बेटा (2), बेटी (4) की मौत 23 मार्च 18 को दिल्ली से ढाका लौटने के क्रम में कानपुर बाराबंकी के पास हुए बस हादसे में हो गयी थी. बसरूद्दीन स्वयं घायल हो गया था, जो अपने भतीजी की शादी में गांव लौट रहा था. बसरूद्दीन ने भी कहा कि यात्री मजबूर होते हैं बस से दिल्ली जाने के लिए. क्योंकि ट्रेनों में टिकट नहीं मिलती. ऐसे में मौत की सवारी समझ कर ही लोग बसों में सवार होते हैं.

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