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अब ‘पालना’ के जरिये होगी लावारिस बच्चों की परवरिश

मोतिहारी : लावारिस बच्चों की परवरिश के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सात पालना लगायेगी. इसके लिए पहल शुरू कर दी गयी है. इसके लगने से कोई भी व्यक्ति किसी झाड़ी या अन्यत्र स्थानों पर बच्चे को नहीं फेंकेगा. बच्चा बोझ होने की स्थिति में वह कभी भी चुपके से […]

मोतिहारी : लावारिस बच्चों की परवरिश के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सात पालना लगायेगी. इसके लिए पहल शुरू कर दी गयी है. इसके लगने से कोई भी व्यक्ति किसी झाड़ी या अन्यत्र स्थानों पर बच्चे को नहीं फेंकेगा. बच्चा बोझ होने की स्थिति में वह कभी भी चुपके से पालना के पास जायेगा और उसमें बच्चे को रखकर चला जायेगा.
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक राजकुमार सिंह ने बताया कि किसी भी तरह का बच्चा पैदा होने की स्थिति में परेशानी नहीं होगी. उसकी समुचित देखभाल होगी और बेहतर ढंग से पालन होगा. इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेवारी तय कर दी गयी है.
झूला की तरह है पालना
यह पालना बिल्कुल झूला की तरह है. जैसे घरों में लोग अपने बच्चों को खेलाने के लिए रखते हैं. पूरी तरह से आधुनिक होगी और आकर्षक होगी. उसका नमूना जिले को प्राप्त हो गया है, जहां पालना लगाया जायेगा वहां देखभाल के लिए एक आदमी तैनात रहेगा.
बच्चा रखते ही बजने लगेगा अलार्म
बताया गया है कि पालना अलार्म सिस्टम पर आधारित होगा. उसे उसमें रखने के तुरंत बाद अलार्म बजेगा. अलार्म बजने से बच्चा उसमें रखे जाने की जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा पालना में बच्चा फेंको नहीं हमें दो, स्लोगन लिखा रहेगा जिस लोग जागरूक होंगे और इधर-उधर फेंकने के बजाय उसमें रखेंगे.
यहां लगेगा पालना
सदर अस्पताल, रेलवे स्टेशन, चाइल्डलाइन, बालगृह, ओपेन सेंटर रक्सौल, बालिका गृह व दत्तक ग्रहण संस्थान में लगाया जायेगा. इसके अलावा कुछ अन्य अस्पतालों जहां महिलाएं प्रसव के लिए भर्ती होती हैं, वहां पर भी लगाने की योजना है. इसके लिए वैसे अस्पतालों को चिह्नित किया जा रहा है.

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