मोतिहारी : आशा कार्यकर्ताओं को ले महिला ओपीडी में ईलाज कराने आयी महिलाओं ने जमकर हंगामा किया. पांच-पांच सिक्यूरिटी गार्ड को लगाने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. अस्पताल प्रबंधक के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. महिला ओपीडी में बुधवार को दो से ढाई दर्जन महिला मरीज लाईन में सुबह नौ बजे से खड़ी थी.
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महिला मरीजों ने किया हंगामा
मोतिहारी : आशा कार्यकर्ताओं को ले महिला ओपीडी में ईलाज कराने आयी महिलाओं ने जमकर हंगामा किया. पांच-पांच सिक्यूरिटी गार्ड को लगाने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. अस्पताल प्रबंधक के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. महिला ओपीडी में बुधवार को दो से ढाई दर्जन महिला मरीज लाईन में सुबह नौ बजे से […]
भूखे-प्यासे उन महिलाओं का हाल बेहाल हो गया था. मरीज शोभा देवी हरसिद्धि, रश्मि देवी सुगौली, रकिमा खातून कल्याणपुर, सुकली देवी, रजमा खातून जयसिंहपुर ने बताया कि सुबह घर से ईलाज कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंची. घंटों लाइन में लग कर पर्ची कटायी. फिर महिला ओपीडी में लाइन लगना पड़ा. घंटों चिकित्सक का इंतजार करना पड़ा. जब चिकित्सक पहुंचती है तो आशा कार्यकर्ता अपने-अपने मरीज को दिखाने के लिए चिकित्सक कक्ष के गेट को जाम कर देती है. इन महिलाओं का कहना था कि हमलोग बहुत पहले से लाइन में लगे थे. महिला चिकित्सक के आने के बाद ये आशा कार्यकर्ता अपने-अपने मरीजों को दिखाने के लिए गेट जाम कर देती है, जिसके कारण यह हंगामा हुआ. बाद में अस्पताल प्रबंधक द्वारा उन आशा कार्यकर्ताओं को हटाया गया, जब जाकर मामला शांत हुआ.
इनकी थी ड्यूटी : अस्पताल के ओपीडी में महिला चिकित्सक डा ममता कुमारी की ड्यूटी थी. लेकिन नहीं आने पर ऑन कॉल डा रश्मि श्री को बुलाया गया. जहां डा रश्मि श्री ने ईलाज करना शुरू किया.
आशा कार्यकर्ताओं पर लगी रोक : सदर अस्पताल में बार-बार हंगामा होने पर नाराज सिविल सर्जन डा प्रशांत कुमार ने सदर अस्पताल में आशा कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर रोक लगाया था. बावजूद इसके आशा कार्यकर्ता बिना ड्रेस कोड के अस्पताल में प्रवेश कर रही है.
महिला चिकित्सक के वेतन पर रोक, जवाब-तलब : अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ मनोज कुमार ने डा ममता कुमारी के नहीं आने की सूचना पर नाराजगी जताते हुए एक दिन का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण पूछा है. उन्होंने कहा कि नहीं आना था तो इसकी सूचना पूर्व में क्यों नहीं दी गयी. देरी से सूचना देने के कारण महिला मरीजों ने हंगामा किया. स्पष्टीकरण का जवाब एक सप्ताह में देने का निर्देश दिया गया है.
घंटों बाद पहुंचीं महिला चिकित्सक
अस्तपाल प्रबंधक के हस्तक्षेप से मामला शांत
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