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वर्षामापी यंत्र के लिए नहीं हुआ स्थल चयन
सभी 405 पंचायतों में लगाया जाना है यंत्र 11 अगस्त को निदेशक ने पत्र भेज स्थल चयन का दिया था निर्देश मोतिहारी : अपने दायित्वों के प्रति प्रखंड विकास पदाधिकारी व अचंलाधिकारी कितने जवाबदेह हैं, पंचायतों में वर्षामापी यंत्रों के स्थापित करने के लिए सरकार व विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों को देख सहज अनुमान […]
सभी 405 पंचायतों में लगाया जाना है यंत्र
11 अगस्त को निदेशक ने पत्र भेज स्थल चयन का दिया था निर्देश
मोतिहारी : अपने दायित्वों के प्रति प्रखंड विकास पदाधिकारी व अचंलाधिकारी कितने जवाबदेह हैं, पंचायतों में वर्षामापी यंत्रों के स्थापित करने के लिए सरकार व विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है.
अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक पूनम ने अपने पत्रांक-1413 दिनांक ग्यारह अगस्त को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लिये गये फैसले से अवगत कराते हुए सभी पंचायतों में स्थल चयन कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था.
निदेशक के पत्र के आलोक में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने अपने कार्यालय के पत्रांक 845 दिनांक 30 अगस्त को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. उसके बाद भी जब कोई असर नहीं हुआ, तो फिर डीएम रमन कुमार ने 20 सितंबर को पत्र लिखकर शीघ्र स्थल चयन कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. डीएम के इस निर्देश के भी 15 दिन गुजर गये लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ. मात्र चार प्रखंड पहाड़पुर, तेतरिया, कोटवा, सुगौली व मोतिहारी से आधा अधूरा रिपोर्ट आया है. सूत्र के मुताबिक प्रतिवेदन नहीं आने व स्थल चयन नहीं होने से कई तरह की विभागीय परेशानी हो रही है.
पंचायत भवन/ सरकार पंचायत भवन पर लगना है यह यंत्र
सभी पंचायतों में यह यंत्र लगाया जाना है. यंत्र सरकारी भवनों,पंचायत सरकार भवनों व या फिर अन्य वैसे भवनों में लगाना है जो यंत्र के मानक को पूरा करता है.वर्षामापी को छत या ढलान पर न रखकर समतल जमीन पर रखना है.
उसे ऐसी भूमि पर कभी नहीं रखा जाना चाहिए जो हवा के रुख की ओर हो,और जहां अत्यधिक ढलान पड़ती है.आस-पास की सभी वस्तुओं की उसकी दूरी,वस्तु की ऊंचाई के चौगुना फासले के बराबर अवश्य होनी चाहिए. बताया जाता है कि वर्षामापी यंत्र केवल प्रखंडों में ही है. सरकार अब सभी पंचायतों यह यंत्र लगा रही है तो मौसम के मिजाज का समय पर पंचायत वासियों को पता चल सके.
सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है. स्थल चयन का प्रतिवेदन नहीं आने से अधिष्ठापन की प्रतिक्रिया नहीं हो रही है.
शंभु प्रसाद यादव, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, मोतिहारी
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