बक्सर. जिले में सरकारी गेहूं की खरीदारी की हालत बेहद खराब है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह में मात्र पांच किसानों से गेहूं का क्रय हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 22 अप्रैल को 29 किसानों से 29.400 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हुई थी, 29 अप्रैल तक मात्र 34 किसानों से 34 मीट्रिक टन गेहूं क्रय किये गये हैं. विकेंद्रीकृत्त प्रणाली के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीद की व्यवस्था की गयी है. खरीदारी की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग को मिली है. इसके लिए सहकारिता विभाग द्वारा जिले में कुल 133 क्रय केंद्र खोले गये हैं, जिनमें 125 पैक्स एवं आछ व्यापार मंडल शामिल हैं. सरकार द्वारा जिले में गेहूं खरीद का लक्ष्य 6,137 एमटी तय किया गया है. ऐसे में गेहूं खरीद का लक्ष्य मिलना मुश्किल है. चालू रबी विपणन वर्ष 2025-026 के लिए केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जबकि गेहूं का बाजार मूल्य 2550 रुपये प्रति क्विंटल है, जो एमएसपी से प्रति क्विंटल सवा सौ रुपये अधिक है. ऐसे में किसान अपनी गाढ़ी कमाई पैक्स या व्यापार मंडल को न बेचकर व्यापारियों को बेचना मुनाफा का सौदा समझ रहे हैं.
एफसीआइ ने खोले हैं सात क्रय केंद्र
सहकारिता विभाग के अलावा भारतीय खाद्य निगम, यानी एफसीआइ भी किसानों से एमएसपी पर गेहूं की खरीदारी कर रहा है. इसके लिए निगम द्वारा जिले के विभिन्न जगहों पर कुल 07 क्रय केंद्र खोले गये हैं. ये क्रय केंद्र रघुनाथपुर, इटाढ़ी, धनसोईं, कोरानसराय, नावानगर, रामपुर व कठार में स्थापित हैं. एफसीआइ के इन केंद्रों द्वारा 84 किसानों से 257.100 एमटी गेहूं की खरीदारी की गयी है.
गेहूं खरीदारी में नावानगर अव्वल
गेहूं खरीद के मामले में नावानगर प्रखंड अव्वल है. नावानगर प्रखंड में कुल 5.200 एमटी गेहूं क्रय किया गया है. इसी तरह 4.500 एमटी गेहूं खरीद कर राजपुर प्रखंड दूसरे तथा 4.100 एमटी के साथ सदर प्रखंड तीसरे पायदान पर है. केसठ प्रखंड में सबसे कम मात्र 0.500 एमटी गेहूं की खरीदारी हुई है. इनमें सबसे अधिक नावानगर केंद्र पर 17 किसानों से 59.650 एमटी गेहूं की खरीद में सफलता मिली है.
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