डुमरांव
. नगर स्थित हरिजी के हाता के वार्ड संख्या 22 का स्थिति नारकीय बन चुका है. कारण इस मोहल्ले की नालियां बजबजा रही है, नाला सफाई नहीं होने के कारण आए दिन लोगों को भारी संकट के सामान से गुजरना पड़ता है. नाला के निचले सतह पर इतना गाद बैठ गया है कि थोड़ा सा बरसता होने पर पानी बाहर निकलने के बजाय लोगों के घरों में प्रवेश करने लगता है. परेशान होकर मुहल्ले के लोग कई बार इसकी लिखित व मेल के माध्यम से नगर परिषद के अधिकारियों से की फिर भी अभी तक इसका कोई निदान नहीं हो पाया. बजबजाती नालियां अंधेरे में डूबा मोहल्लाबजबजाती नालियां और अंधेरे में डूबा हुआ मुहल्ला, यही रह गई है, इस वीआइपी मुहल्ले की पहचान. रात में हरि जी के हाता में चलना किसी संगीन खतरे से कम नहीं? क्योंकि इस मुहल्ले में शाम होते ही चारों तरफ लाइट के अभाव में विरान जैसा हो जाता है.हरिजी के हाता, वार्ड संख्या 22 थाना के पीछे वाली गली, जिसे डुमरांव के लाइफ लाइन मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी हालत दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है. हालात यह हो गया है कि थोड़ा भी बरसात हो जाए तो सड़क झील में तब्दील हो जाता है. स्थानीय मुहल्ले के रहने वाले बीएल लाल ने बताया कि छोटी-छोटी नलियां तो पट गईं किंतु मुख्य सड़क की नाली का सारा कीचड़ व पानी थाना के पीछे वाली सड़क की नाली में गिर कर जाम की स्थिति बना देता है. स्थित यह है कि हरिजी के हाता में मुख्य सड़क के दोनों ओर का पानी का निकासी इसी गली से होकर थाना के बगल वाले नाले में जाता है.
नाला में हुआ गाद जाम:लोगों का कहना है कि मुख्य नाला में गाद होने अथवा उसकी गहराई कम होने की वजह से गली के पानी का ठीक तरह से निकास नहीं हो पाता है.
इसके साथ ही लोगों ने टूटी नालीयों की मरम्मत कर उसे स्लैब द्वारा पाटने की भी बातें कही किंतु आज तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया.लोगों को सता रहा संक्रमित बिमारियों का डर:
ज्ञात हो कि इस संबंध में नगर परिषद को भी इमेल के द्वारा कई बार सूचित किया जा चुका है. किंतु स्वच्छता के नाम पर इसे लगातार नज़र अंदाज किया जा रहा है. इस मार्ग से गुजरने वाले सैकड़ों राहगीरों एवं छात्र-छात्राओं को भारी कष्ट का सामना करना पड़ता है. इस समस्या पर जनप्रतिनिधि एवं नगर परिषद दोनों मौन हैं. यह बात नगरवासियों को कांटे की तरह खटकती है. लोगों ने बताया कि जलजमाव और उससे निकलने वाली बदबू के चलते मच्छरों की प्रकोप बढ़ गई है, जिससे कई प्रकार की संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है. मुहल्लावासियों ने गुहार लगाई है कि नगर परिषद इस समस्या पर अविलंब संज्ञान ले ताकि स्वच्छता का नारा एक माखौल न बन कर रह जाए.मुहल्ले में लाइट का भी कमी:
इसी प्रकार से मुहल्ले में स्ट्रीट लाइट की भी समस्या है. लोग अपने दरवाजे के आगे स्वयं का बल्व न जलाएं तो पूरा हरि जी का हाता अंधेरे में डूबा रहता है. मालूम हो कि शहर की यह वीआइपी मुहल्ला हैं वीआईपी केवल कागजों में ही सिमित है. हलांकि विकास व स्वच्छता के नाम पर नगर परिषद के तरफ से बहुत पैसे खर्च किए जा रहे हैं. बगल में कुछ दुरी पर सीपीएस स्कूल के पास गगनचुम्बी वेपर लाइट लगा है जो रात दिन बराबर जलता रहता है. दिन के उजाले में भी उसे बुझाने की जरूरत नहीं समझी जाती.लगभग एक दर्जन स्टील का चमचमाता कूडे़दान खेल के मैदान में ही लगा दिया गया है.
हालांकि लगाएं गए कुड़ेदान कुछ तो पिचक भी गए हैं. जो सही है उसमें भी किसी के द्वारा कूडा़ नहीं डाला जाता. यह विकास के राशि के दुरूपयोग का साक्षात प्रदर्शन है. हरि जी के हाता की उखडी़ हुई मुख्य सड़क पर भी संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है. इससे खराब रास्ता पूरे डुमरांव में नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

