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Buxar News: दिनभर जाम से जूझते रहे शहर के सभी चौक

सुबह से लेकर देर शाम तक पूरा नगर जाम की भयानक चपेट में फंसा रहा. नगर की कोई भी गली–सड़क ऐसी नहीं थी जिसमें लोगों को घंटों इंतजार नहीं करना पड़ा.

बक्सर

. सुबह से लेकर देर शाम तक पूरा नगर जाम की भयानक चपेट में फंसा रहा. नगर की कोई भी गली–सड़क ऐसी नहीं थी जिसमें लोगों को घंटों इंतजार नहीं करना पड़ा. जाम के कारण कई लोगों की महत्वपूर्ण गाड़ियां छूटीं तो सीबीएसइ बोर्ड के छात्र किसी तरह से कूदते भागते अपने-अपने केंद्रों तक पहुंचे.

बृहद जाम का असर मरीजों, प्रशासनिक पदाधिकारियों व न्यायालय से संबंधित लोगों पर भी दिखायी दिया. न्यायालय में दर्जनों पैरवीकार नहीं पहुंच पाये वहीं कई अधिवक्ता भी जाम के कारण फंसे रहे. जिला प्रशासन की गाड़ियां भी इससे अछूता नहीं रही. बाइपास में घंटे जाम से बिलबिलाते लोगों को निजात दिलाने के लिए पहुंची यातायात नियंत्रक वाहन की स्थिति “तुम्हीं सो गए दास्तां कहते कहते की बनी रही. ट्रैफिक डीएसपी संतोष कुमार ने कहा कि अत्यधिक भीड़ हो जाने के कारण जाम लग गया था. जबकि जाम को लेकर सभी जगह जवानों को लगाया गया था.

मुंडन में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक तैयारी का दिखा अभाव

नगर की गति सोमवार को अचानक रूक गयी थी. नगर में अफरा तफरी का माहौल अचानक सोमवार को मच गयी. जब विभिन्न क्षेत्रों से अचानक बिना रोक टाेक के काफी संख्या में वाहन पहुंच गये. जिसके कारण नगर का ज्यादातर सड़के जाम से पूरे दिन कराहती रही. जिसके कारण आम से खास सभी परेशान रहे. जाम के कारण रामरेखा घाट पर मुंडन संस्कार को लेकर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के कारण नगर की सभी सड़के पूरी तरह जाम रही. जाम नगर में अत्यधिक वाहनों के अचानक पहुंचने के कारण बक्सर स्टेशन रोड, बाईपास रोड, चरित्रवन स्थित चौसा रोड, जेल पईन रोड, समाहरणालय रोड, अंबेडकर चौक, बाजार समिति रोड में जाम की स्थिति कायम हो गयी. जहां जेल पइन रोड की ओर से आने वाले वाहनों, स्टेशन की ओर से आने वाले वाहनों, समाहरणालय रोड से आने वाले वाहनों, बाजार समिति रोड से आने वालें वाहनों के साथ ही स्टेशन की ओर जाने वाले वाहनों एवं जेल पइन रोड में जाने वाले वाहनों के कारण गंभीर जाम की स्थिति बन गई थी. इसके साथ ही अंबेडकर चौक, ज्योति प्रकाश चौक, वीर कुंवर सिंह चौक पूरी तरह से चौक कर गया था. जहां से पार करने में वाहनों को काफी मशक्कत करना पड़ा. इसका असर इटाढ़ी रेलवे क्रॉसिंग पर भी दिखा. जहां संध्या समय में भी समाहरणालय तक वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई थी. जाम के कारण लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था. ट्रैफिक के जवान व अधिकारी जाम के कारण नतमस्तक दिखे. नगर में जाम के कारण आवागमन पूरी तरह प्रभावित रहा. ऐतिहासिक एवं धार्मिक मान्यता को देखते हुए घाट पर मुंडन संस्कार को पूरा करने के लिए न केवल नगर के बल्कि जिला एवं आसपास के जिलों से काफी संख्या में वाहन एक साथ नगर में प्रवेश कर गए. जिसके करण नगर की सड़के जाम हो गई. वहीं मुंडन संस्कार को देखते हुए ट्रैफिक विभाग द्वारा विशेष तैयारी नहीं की गई थी. आवागमन भगवान भरोसे पूरे दिन संचालित होते रहा.

नगर का लगभग हर चौक चौराहा पूरे दिन चॉक रहा. जिसके कारण नगर के विभिन्न कार्यालयों, न्यायालय एवं समाहरणालय के कर्मियों व अधिकारियों को अपने कार्यालय में पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा. नगर के लगभग हर चौक चौराहा वाहनों के कारण चॉक हो गया था. कुछ मीटर दूरी तय करने में घंटों का समय लगा. जिसे छुड़ाने में पुलिस जवान नतमस्तक दिखे. नगर के अंबेडकर चौक, ज्योति प्रकाश चौक, बाइपास रोड, स्टेशन रोड में विशेष तौर पर जाम लगी रही. सुबह में ही बड़े वाहन बस एवं ट्रैक्टर काफी संख्या में पहुंचे. जो नगर के बाइपास रोड में सड़क के किनारे खड़े हो गये. जिससे मार्ग संकीर्ण हो गया. इस दौरान हर चौक पर चारों तरफ से आने व जाने वाले वाहनों के कारण चौक पूरी तरह से चॉक रहा.

नगर में ट्रैफिक व्यवस्था रही फेल

लगन का शुभ मुहुर्त खत्म होने के आखिरी दिन में मुंडन को पूरा करने के लिए अप्रत्याशित भीड़ उमड़ पड़ी थी. जिससे निर्धारित अवधि में ही मुंडन संस्कार को पूरा कर सके. नो इंट्री में हुआ विद्यालय की बसों का संचालन : नगर में जाम के कारण नो इंट्री में विद्यालय के बसों का संचालन हुआ. जिससे बच्चे अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच सकें. नगर के स्टेशन रोड, रामरेखाघाट रोड, बाईपास रोड, जेल पइन रोड में जाम के कारण विद्यालय की बसें नगर के विभिन्न सड़कों से पूर्व निर्धारित रूट का नजरअंदाज कर नगर में संचालित होते रहे. जिसके कारण नगर में भी अपेक्षाकृत जाम की स्थिति कायम रही. ज्ञात हो कि नगर के सिंडिकेट से नगर में विद्यालय वाहनों को छोड़कर अन्य बड़े वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया. बक्सर का धार्मिक महत्व होने के चलते यहां मुंडन संस्कार के लिए कैमूर, रोहतास, भोजपुर जिलों के अलावे अन्य दूर दराज से लोगों का आना होता है. इस बात की जानकारी सभी को रहती है सिर्फ प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेता है जिसका परिणाम प्रत्येक मुंडन के मुहूर्त के दिन महजाम के रूप में उजागर हो जाता है . प्रशासन को ऐसे धार्मिक कैलेंडर को गंभीरता से लेना चाहिए साथ ही उन तिथियां पर यातायात की मजबूत वैकल्पिक व्यवस्था करना होगा नहीं तो पूरे भारत के मानचित्र पर टॉप गंदे शहरों में शुमार बक्सर जाम के मामले में भी अपना उच्च स्थान बना लेगा. प्रशासनिक पदाधिकारी का असली मेडल या अवार्ड वहां के लोगों का सुख चैन है.

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