बक्सर.
शिव आराधना का महापर्व सावन का आगाज शुक्रवार से होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है. इस माह में शिव आराधना विशेष फलदायी होता है. मंत्रों का जाप करने और जलाभिषेक करने से हर तरह की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं. इस बार सावन के महीने की शुरुआत बहुत ही शुभ योगों के साथ हो रहा है. सावन माह के पहले दिन गुरु आदित्य राजयोग, मालव्य राजयोग, धन शक्ति राजयोग और विपरीत राजयोग का संयोग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह योग काफी शुभदायक है. क्योंकि तरह के योग में पूजा करने से देवाधिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन का महीना शुरू होता है और सावन पूर्णिमा को समापन होता है. 11 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा और 09 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व के साथ समाप्त होगा. इस बार श्रावण का महीना 30 दिनों का हो रहा है. जिसमें सोमवार के चार व्रत पड़ेंगे. 14 जुलाई को पहली सोमवारी, 21 जुलाई को दूसरी सोमवारी, 28 जुलाई को तीसरी सोमवारी एवं 04 जुलाई को चौथी व अंतिम सोमवारी पड़ेंगी.सावन माह का महत्वहिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यह महीना भगवान शंकर को अतिप्रिय होता है. सो इस पूरे माह में भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत रखने से भोले बाबा की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न होते हैं. जिसके चलते जलाभिषेक व पूजन-अर्चन के लिए शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. ज्योतिषाचार्य पं.मुन्ना जी चौबे ने बताया कि सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा जीवन की सभी तरह की अड़चनें दूर होती है.
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