ब्रह्मपुर
. बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ की नगरी में लगने वाले फाल्गुनी पशु मेला का राजस्व वसूली इस साल नहीं होगा. दो पक्षों के कानूनी दांव पेंच के ही खेल में फाल्गुनी पशु मेला ऐसा उलझा कि मेला के इतिहास में यह पहली बार हुआ हैं कि मेला तो लगा लेकिन कोई वसूली नहीं हो रही हैं.वसूली न होने से पशु मालिक सहित व्यापारी का गदगद हैं. दो सालों में नगर पंचायत द्वारा मेला में पशुओं के साथ आने आने वालों से एंट्री फीस लिया जा रहा था. जिससे वे काफी परेशान थे. पशु मेला अब अपने पूरे चरम पर है. साथ ही बड़ी संख्या में लोग भी पहुंच रहे है.वसूली न होने से दूसरा खेमा निराश कोर्ट द्वारा स्कूल के जमीन पर मेला न लगाने का एक पार्टी द्वारा रोक लगाया गया था. इस फैसले से नगर पंचायत सहित कई लोगों के बीच बेचैनी ला दी थी. जिस पर नगर पंचायत ने इस पर आवेदन देकर रोक हटाने की कोर्ट से अपील किया था. 24 फरवरी को होने वाले सुनवाई का नगर पंचायत सहित कई लोगों को बेसब्री से इंतजार था. लेकिन वकीलों की हड़ताल ने 24 फरवरी को होने वाली सुनवाई न हो सकी.इस मामले की सुनवाई अब तीन मार्च को होगी . शुरू से ही नगर पंचायत द्वारा वसूली पर नगर पंचायत ने रोक लगा दिया था. वसूली पर रोक लगाते ही दूसरे खेमा में निराशा देखी जा रही है. दो सालों बाद आयी राजस्व क्षति की याद राजस्व वसूली का आदेश न मिलने पर अब एक पक्ष द्वारा अधिकारियों के पास आवेदन दे कर गुहार लगाया जा रहा है कि वसूली न होने से राजस्व की क्षति हो रही है. राजस्व क्षति के इस सवाल पर नगर पंचायत वासियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है उनके द्वारा साफ तौर पर कहा जा रहा कि दो सालों में इस मेले नगर पंचायत को कितना पशु मेला के राजस्व वसूली से राजस्व की प्राप्ति हुई. इसका तो विवरण नहीं दिया. अब जब वसूली पर रोक लगा तो दो सालों के बाद राजस्व क्षति की याद आयी हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है