बक्सर
. सदर अंचल के जरिगावां गांव के 110 महादलित भूमिहीन परिवारों को 13 फरवरी 1984 को भूमि पर्चा आवंटित किया गया था. लेकिन 41 साल बीतने के बावजूद प्रशासन ने अब तक उन्हें दखल कब्जा नहीं दिलाया. इससे हताश लोग वर्षों से अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. पर्चाधारी सनी कुमार ने बताया कि इतने सालों में अंचल कार्यालय आते-जाते उनकी दो दर्जन से ज्यादा चप्पलें घिस गईं, पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. प्रशासन ने 6 जुलाई को भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए मापी कराने की बात कही थी और अमीन सुनील कुमार को नियुक्त किया था. लेकिन भूमि पर कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया, जिन्होंने मापी नहीं करने दी. जबकि पीड़ितों ने पहले ही 24 मई को आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने और पुलिस बल की मांग की थी, लेकिन अंचल प्रशासन ने केवल खानापूर्ति करते हुए अमीन को अकेले भेज दिया. पर्चाधारी अनिल राम ने बताया कि महादलित विकास के नाम पर अंबेडकर समग्र विकास शिविर के तहत ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम तो आयोजित किया गया, पर उसमें भी प्रशासन ने समस्याओं का समाधान करने के बजाय औपचारिकता निभायी. पीड़ितों ने इस खानापूर्ति की शिकायत महादलित विकास मिशन में करने की बात कही है. हीरालाल यादव, गुलाब रजक, रामचंद्र गौड़, सुभाष यादव, राजू राम, शशिकांत राम, अनिल राम, तेज नारायण, शिवजी बिन, रामराज बिन, कमलनरायण समेत अन्य पर्चाधारी ने प्रशासन से जल्द से जल्द आवंटित भूमि पर कब्जा दिलाने की मांग की है. इस संबंध में राजस्व अधिकारी राजन कुमार ने बताया कि जीस भूमि का आंवटन किया गया है उस भूमि पर अन्य व्यक्तियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. उस भूमि को मापी कराकर अतिक्रमण मुक्त कराकर पर्चाधरी को कब्जा कराया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

